पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 जनवरी को सुनवाई करेगा। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जे बी पारदीवाला की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा करात के उल्लेख के बाद मामले को स्थगित कर दिया। करात ने अदालत को बताया कि सोमवार को मामले की सुनवाई करने वाली पीठ उपलब्ध नहीं थी, और पीठ से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई आज दोपहर बाद 2 बजे के लिए स्थगित कर दी जाए।
17 जनवरी को भी हुई थी सुनवाई
इससे पहले 17 जनवरी को राणा अय्यूब की ओर से पेश किए गए अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर की दलीलों पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने सुनवाई की थी, जिसके बाद पीठ ने याचिका को सूचीबद्ध करने के संबंध में विचार करने पर सहमति जताई। ग्रोवर ने कहा था कि गाजियाबाद की विशेष अदालत ने अय्यूब के खिलाफ 27 जनवरी के लिए सम्मन जारी किया था और इसलिए मामले को तत्काल सूचीबद्ध किया जाए।
पिछले साल 29 नवंबर को अय्यूब को किया था तलब
पिछले साल 29 नवंबर को गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया और राणा अय्यूब को तलब किया था। मनी लॉन्ड्रिंग के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 की धारा 44 के साथ पठित धारा 45 के तहत ईडी चार्जशीट दायर की गई थी, जिसे ईडी, दिल्ली के सहायक निदेशक संजीत कुमार साहू ने दायर किया था।
पिछले साल अक्टूबर को ईडी ने अय्यूब के खिलाफ की कार्रवाई
पिछले साल 12 अक्टूबर को इडी ने अय्यूब के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। अय्यूब पर आरोप लगा है कि उन्होंने लोगों को धोखा देने और निजी संपत्ति बनाने के लिए 2.60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। इसके लिए उन्होंने चैरिटी फंड का इस्तेमाल किया था। राणा पर विदेशी चंदा कानून का उल्लंघन करने का भी आरोप लगा था।