प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज देशवासियों से मन की बात की करेंगे। यह मन की बात का 94वां एपिसोड होगा। कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे किया जाएगा। मन की बात का पहला एपिसोड 2014 में प्रसारित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यानी 30 अक्टूबर को ‘मन की बात’ के 94वें एपिसोड को संबोधित करेंगे। इसे सुबह 11 बजे से सुना जा सकता है। यह कार्यक्रम 2014 से हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित किया जाता है।
हिमाचल में वृहद स्तर पर होगा कार्यक्रम
हिमाचल प्रदेश में भाजपा वृहद स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में जनता के लिए मन काी बात कार्यक्रम को सुनने की व्यवस्था की जाएगी। जनसभा स्थलों पर एलईडी की भी व्यवस्था की जाएगी।
पीएम मोदी ने छठ महापर्व की दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने देशवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, ‘सूर्यदेव और प्रकृति की उपासना को समर्पित महापर्व छठ की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान भास्कर की आभा और छठी मइया के आशीर्वाद से हर किसी का जीवन सदैव आलोकित रहे, यही कामना है।’
पिछले महीने कब प्रसारित हुआ था ‘मन की बात’
पिछले महीने 25 सितंबर को पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 93वें एपिसोड को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने का ऐलान किया था।
नामीबिया से लाए गए चीतों का जिक्र
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान नामीबिया से लाए गए चीतों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 70 साल के बाद भारत में चीतों की वापसी हुई है, जिससे देश में खुशी का माहौल है। एक टास्क फोर्स इन चीतों की निगरानी कर रही है।
वोकल फॉर लोकल’ पर जोर
पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर देते हुए कहा कि खादी हो, हैंडलूम हो, या हैंडीक्राफ्ट सारे प्रोडक्ट के साथ लोकल समान जरूर खरीदें। हम आजादी के 75 साल के मौके पर आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य भी लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले जवानों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय को किया याद
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भी, जिनकी 25 सितंबर को पुण्यतिथि थी। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को प्रखर मानवतावादी और चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिन मनाया जाता है। उनके विचारों की खूबी यही रही है कि उन्होंने अपने जीवन में विश्व की बड़ी उथल-पुथल को देखा था। वे विचारधाराओं के संघर्षों के साक्षी रहे।