प्रेग्नेंसी में आखिर क्यों अचार खाने का चाहता है दिल?

प्रेग्नेंसी के दौरान खाने से एक खास रिश्ता बन जाता है। या तो आप खूब खाती हैं या फिर खाने से नफरत हो जाती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं, कि प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की कुछ चीज़ों की चाहत बढ़ जाती है। अचार जैसी खाने की चीज़ें कई महिलाओं को आकर्षित करती हैं। अचार खाने की चाहत इसलिए भी बढ़ती है क्योंकि स्वाद और सुगंध में भी बदलाव आते हैं। इस दौरान खास फूड की क्रविंग होना आम बात है। इसमें ज़्यादातर लोग अचार इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि यह खाने में चटपटा और मज़ेदार होता है।

वैसे तो अचार खाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखना ज़रूरी है ताकि शरीर में सोडियम और तेल की मात्रा कम ही जाए।

प्रेग्नेंसी में आखिर क्यों अचार खाने का चाहता है दिल?

अचार खाने की इच्छा से जुड़े कई ऐसे मिथक हैं, जो आपको अलग-अलग संस्कृतियों में सुनने को मिल जाएंगे। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं से इसे काफी जोड़कर देखा जाता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, न तो अचार खाने की इच्छा से बच्चे के लिंग का निर्धारण किया जा सकत है और न ही इससे पोषण संबंधी कमियों का संकेत मिलता हैं, जैसा कि मान्यताओं द्वारा प्रचलित है।

हालांकि, रिसर्च से इस इच्छा के कई कारण ज़रूर सामने आते हैं:

हॉर्मोन

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान हर ट्राइमेस्टर यानी तीन महीने बाद हॉर्मोन्स में तेज़ी से बदलाव आते हैं, जब एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन दोनों में भारी वृद्धि होती है। यही वजह है कि महिलाएं प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में सुबह-सुबह उल्टी होना, मतली और बेहोशी महसूस होने का अनुभव करती हैं। दूसरे ट्राइमेस्टर आने तक महिलाएं बढ़े हुए हॉर्मोन्स के अनुकूल हो जाती हैं, जिससे भूख अपने चरम पर पहुंच जाती है।

पोषण की कमी

प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण एक बड़ी भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे शरीर बढ़ रहा होता है, उसकी ज़रूरतें भी बढ़ती हैं। बच्चे की हेल्दी ग्रोथ के लिए ज़रूरी विटामिन्स औक खनिज पदार्थ महत्वपूर्ण हो जाते हैं। हॉर्मोन्स को संतुलित बनाए रखने के लिए, शरीर को ज़िंक, फोलेट, आयोडीन और प्रोटीन की ज़रूरत होती है। अचार के अलावा, कई महिलाएं, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम्स और बर्गर खाने की इच्छा भी रखती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान अचार खाने से क्या नुकसान होता है?

विटामिन का सेवन बढ़ता है

अचार का सेवन आपको विटामिन्स की अच्छी मात्रा मिल जाती है। अचार में नींबू, गाजर जैसी चीज़ें होती हैं, जो विटामिन-सी और के का अच्छा स्त्रोत होते हैं। यह हड्डियों को मज़बूत बनाने के साथ बच्चे की ग्रोथ में मददगार साबित होते हैं।

अचार में कुछ खास पोषक तत्व नहीं होते

भारतीय घरों में बनने वाले अचार में तेल और नमक काफी ज़्यादा होता है, जो इसे लंबे समय तक खराब नहीं होने देते। इसके अलावा इसमें अधिक पोषण मूल्य नहीं होता, क्योंकि मसाले और तेल हावी हो जाते हैं।

सोडियम की उच्च मात्रा

लोगों को अचार इसलिए पसंद आता है, क्योंकि इसमें नमक की मात्रा अच्छी होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज़रूरत से ज़्यादा नमक शरीर में पानी का जमाव करता है और साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर का ख़तरा भी बढ़ता है।

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