पाकिस्तान के बलूचिस्तान के क्वेटा में पोलियो के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। अब एक पांचवां मामला सामने आया है। ये मामला 29 अप्रैल को सामने आया था और 8 जून को इसकी पुष्टि की गई। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की रिपोर्ट के अनुसार,बच्चे को शुरू में दस्त और उल्टी का अनुभव हुआ, जिसके बाद उसे इलाज के लिए क्वेटा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया।
इलाज के दौरान बच्चे ने तोड़ा दम
वहीं, 10 दिनों के बाद, बच्चे के निचले बॉडी पार्ट में कमजोरी महसूस की गई, इसके बाद उसकी हालत और खराब होती गई और ये पोलियो उसकी पूरी बॉडी में फैल गया। बाद में उन्हें कराची में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (एनआईसीएच) में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें एक्यूट फ्लेसीड पैरालिसिस (एएफपी) का पता चला। मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद भी, 22 मई को बच्चे ने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया।
बच्चे की जांच जारी
वहीं मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित के सैंपल इकट्ठा किए गए, जिससे एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन और चचेरे भाई में से एक में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 1 (WPV1) के संक्रमण का पता चला। साथ ही यह निर्धारित करने के लिए जांच चल रही है कि क्या यह मामला टीका देने से इनकार करने के कारण हुआ, हालांकि रिकॉर्ड से पता चलता है कि बच्चे को पोलियों की पांच खुराकें मिल चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रधान मंत्री के समन्वयक मलिक मुख्तार भरत ने जोर देकर कहा कि जब तक पाकिस्तान पोलियो के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाएंगे, तब तक बच्चे इस गंभीर बीमारी से जूझते रहेंगे
राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र के समन्वयक मुहम्मद अनवारुल हक ने वायरस के स्रोत की जांच करने और टीकाकरण कवरेज में अंतराल की पहचान करने के लिए चल रहे प्रयासों पर इसमें खासकर उन लोगों को शामिल किया गया है जो पोलियो टीकाकरण से चूक गए हों।