बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर भड़के राहुल गांधी, जाने क्या कहा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों की रिहाई पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।

 बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों की रिहाई के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अब पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि एक महिला से दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को रिहा कर दिया गया। देश में नारी शक्ति की झूठी बातें बोली जा रही हैं।

राहुल ने कहा, ‘पांच महीने की गर्भवती महिला से दुष्कर्म और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान रिहा किया गया।’ राहुल ने कहा कि देश पीएम की कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।

5 महीने की गर्भवती महिला से दुष्कर्म और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान रिहा किया गया।

नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं?

प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।

बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म के दोषी रिहा

गौरतलब है कि गुजरात दंगे के दौरान वर्ष 2002 में हुए बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 कैदियों को स्वतंत्रता दिवस पर जेल से रिहा कर दिया गया है। सभी दोषियों को गुजरात सरकार की माफी योजना के तहत रिहा किया गया है। मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दोषियों बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। ये सजा 2008 में सुनाई गई थी।बंबई हाईकोर्ट ने भी सभी दोषियों की सजा को बरकरार रखा था। रिहा किए गए दोषियों के नाम जयंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेश भट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट और रमेश चंदना हैं।बंबई हाईकोर्ट ने भी सभी दोषियों की सजा को बरकरार रखा था। रिहा किए गए दोषियों के नाम जयंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेश भट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट और रमेश चंदना हैं।

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