बुनकरों की आर्थिक समृद्धि के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार उन्हें बैकों से लिंक कराएगी। प्रथम चरण में काम वाराणसी से शुरू हो रहा है। इसके बाद इसे गोरखपुर परिक्षेत्र में लागू करने की योजना है। दूसरी ओर जल्द ही योगी सरकार अपनी दूसरी टेक्सटाइल पॉलिसी लेकर आ रही है ताकि गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल हब के रूप में निर्मित किया जा सके।
गोरखपुर परिक्षेत्र में गोरखपुर, महराजगंज और संतकबीरनगर जिले बुनकर बाहुल्य वाले हैं। इन सभी को बैकों से जोड़ कर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, स्टार्टअप योजनाओं से जोड़कर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। एमएसएमई विभाग और बैंकर्स की बैठक में इस पर निर्णय भी लिए गए हैं। जरूरत के अनुसार औपचारिकताओं में छूट दी जाएगी। सरकार के इस अभियान में सिडबी भी मदद करेगी। प्रथम चरण में वाराणसी से शुरू हो रही इस योजना में पहले से ही करीब 25 हजार बुनकर हैंडलूम विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत हैं जिनके फॉर्म 15 अगस्त तक अपलोड हो जाएंगे।
शीघ्र आएगी नई टेक्सटाइल पॉलिसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में साल 2017 में सरकार बनी तो सरकार ने नई टेक्सटाइल पॉलिसी 05 साल के लिए लेकर आई। 12 जुलाई को यह पॉलिसी लैप्स हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब नए नवाचार के साथ शीघ्र ही नई टेक्सटाइल पॉलिसी लाने जा रहे हैं। पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर परामर्शी विभागों को अभिमत लिया जा रहा है। नई पॉलिसी के क्रियान्वयन से प्रदेश में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में निवेश में और अधिक बढ़ोतरी होगी। अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अकेले गोरखपुर में इस पॉलिसी से कई उद्योगों को लाभ मिला।
सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत होंगे पॉवरलूम : प्रदेश के हैंडलूम व पॉवरलूमों को चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किया जाएगा। ऊर्जीकृत करने के साथ इनको सोलर इनवर्टर अनुदान पर मिलेगा। इसकी मदद से ऊर्जा तो बचेगी ही, तैयार उत्पाद ईको फ्रेंडली होंगे। उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शीघ्र ही हैंडलूम और पॉवरलूम को सौर ऊर्जा लाभकारी बनाने के लिए हथकरघा एवं उद्योग विभाग शीघ्र ही ‘मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा’ के नाम से एक नयी योजना शुरू करेगा। इसकी औपचारिकताएं लगभग पूरी हैं। इससे पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी, प्रदूषण भी घटेगा। सरकार ने पॉवरलूम्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया है।
उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की मंशा
परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग अरविंद कुमार कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश को देश का टेक्सटाइल हब बनाने की है। उत्तर प्रदेश में आज भी 34 जनपद हथकरघा बाहुल्य हैं। हथकरघों, हथकरघा बुनकरों और बुनकर सहकारी समितियों की संख्या प्रदेश में क्रमशः 1.91 लाख, 0.80 लाख और 20421 है। मऊ, अम्बेडकर नगर, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर, गोरखपुर जिले पॉवरलूम बहुल हैं। पॉवरलूम एवं इन पर काम करने वाले बुनकरों एवं पॉवरलूमों की संख्या क्रमशः 2.58 लाख एवं 5.50 लाख हैं। चरणबद्ध तरीके से हैंडलूम एवं पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने की योजना पर अमल किया जाएगा।
टेक्सटाइल पॉलिसी 2017 की उपलब्धियां
उप्र हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेन्टिंग पॉलिसी -2017 में 16 वस्त्र इकाइयों के पक्ष में ‘लेटर आफ कम्फर्ट’ जारी हुए। 196.51 करोड़ रुपये का निवेश कर 3243 व्यक्तियों को रोजगार दिया। इनमें तकरीबन चार इकाईयां गोरखपुर की शामिल हैं। राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत 19 हथकरघा क्लस्टरों के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए गए। प्रत्येक के लिए 25.55 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता 2591 हथकरघा बुनकर के लिए प्रस्तावित है।