गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। रामचरितमानस में भगवान श्री राम के जीवन का वर्णन आसान भाषा में किया गया है। जिसका पाठ करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।
व्यक्ति के जीवन में कई बार कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो अचानक उत्पन्न हो जाती हैं, जिनके कारण उथल-पुथल मच जाता है। ऐसे में इन समस्याओं का हल न तो किसी जानकर की सहायता से मिलता है और न ही अनुभव से। इस स्थिति में शास्त्र एवं धार्मिक ग्रंथों का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें जीवन में आ रही सभी समस्याओं का हल और उपाय बताया गया है। ऐसे ही कुछ उपाय सिद्ध धर्म ग्रन्थ रामचरितमानस में बताए गए हैं। बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में भगवान श्री राम के जीवन को सरल भाषा में वर्णित किया गया है। इनमें दिए गए मनस मंत्रों अथवा चौपाइयों का पाठ करने से आदिकवि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के पाठ के समान फल मिलता है। रामचरितमानस में कुछ ऐसी चौपाइयां हैं, जिनका नितदिन पाठ करने से व्यक्ति कई समस्याओं से छुटकारा पा सकता है। आइए जानते हैं –
शिक्षा में एकाग्रता के लिए
गुरगृहं गए पढ़न रघुराई।
अलप काल बिद्या सब आई।।
भय से मुक्ति के लिए
रामकथा सुन्दर कर तारी।
सं शय बिहग उड़व निहारी।।
सं कटों के नाश के लिए
राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भं जन सुखदायक।।
अचानक आई समस्या से मुक्ति के लिए
दीन दयाल बिरिदु सं भारी।
हरहु नाथ मम सं कट भारी।।
शत्रुओं से मुक्ति के लिए
बयरु न कर काहू सन कोई।
राम प्रताप विषमता खोई।।
मनोकामनापूर्ति के लिए
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।
आर्थिक उन्नति के लिए
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं ।
सुख सं पति नाना बिधि पावहिं ।।
विद्या प्राप्ति हेतु
गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब आई।।
रोग से मुक्ति के लिए
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।
श्री राम के आशीर्वाद के लिए
सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।