पीएम नरेन्द्र मोदी ने 24 अगस्त को न्यू चंडीगढ़ में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया। कार्यक्रम सरकारी थी लेकिन मौके पर भाजपा नेता खूब जुटे। दरअसल भाजपा ने कार्यक्रम में अंतिम समय में भीड़ जुटाने की रणनीति बनाई।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। न्यू चंडीगढ़ में बने होमी भाभा कैंसर अस्पताल का उद्घाटन समारोह कई मायनों में राजनीतिक मंच बनकर उभरा। राज्य स्तरीय समारोह होने के बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जम कर नारे लगते रहे। वहीं, इस समारोह में सारी भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी ने निभाई, जबकि समारोह का आयोजन पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से किया गया था।
सोमवार तक यह ही तय था भाजपा के 20 नेता प्रधानमंत्री का स्वागत व विदाई के मौके पर मौजूद रहेंगे, लेकिन मंगलवार को स्थितियों में बदलाव आ गया। सरकारी समारोह होने के बावजूद पंजाब भाजपा को समारोह स्थल पर भारी भीड़ जुटाने के निर्देश आ गए।
भाजपा नेता चार-पांच जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को लाने में जुट गई। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग समारोह स्थल पर पहुंचे। वहीं, प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब के लिए कोई विशेष पैकेज की मांग न करने को लेकर जहां राजनीतिक पार्टियां मुख्यमंत्री को घेर रही है।
राजनीतिक माहिर यह भी मान रहे हैं कि इस समारोह के जरिए मुख्यमंत्री ने ‘दिल्ली वालों’ को भी संकेत दे दिया है कि वह पंजाब के मामलों में हस्तक्षेप न करें। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री के आगमन से पहले भगवंत मान ने भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा से भी फोन पर बात की थी।
बता दें, पिछले कई दिनों से आप के राज्य सभा सदस्य राघव चड्ढा और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच मनमुटाव की चर्चा सामने आ रही है। हालांकि मुख्यमंत्री इन चर्चाओं को खारिज कर चुके है। वहीं, विपक्ष हमेशा ही यह आरोप लगाता रहता है कि पंजाब की सरकार ‘दिल्ली वाले’ चला रहे हैं।राजनीतिक चर्चा यह भी है कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति में सफल राज्य स्तरीय समारोह का आयोजित कर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली वालों को पंजाब में हस्तक्षेप न करने के संकेत दे दिए। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री न सिर्फ 5 जनवरी को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए खेद प्रकट किया बल्कि स्टेज से ही उन्होंने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ‘क्रांतिकारी’ कह कर संबोधित किया।