भारतीय मूल की अमेरिकी शेफाली राजदान दुग्गल नीदरलैंड में अमेरिका की राजदूत हैं। अपनी विरासत को दूर तक ले जाने और एक राजनयिक के रूप में अमेरिका की विविधता का जश्न मनाने के लिए प्रतिष्ठित समुदाय के सदस्यों ने उनकी सराहना की है। शेफाली दुग्गल 51 साल की हैं और वो पहली कश्मीरी-अमेरिकी हैं, जिन्हें अमेरिकी राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
ट्विटर पर पोस्ट की तस्वीर
शेफाली राजदान दुग्गल ने इस सप्ताह ट्विटर पर नीदरलैंड में भारत की राजदूत रीनत संधू के आवास पर खींची गई एक तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने ट्वीट किया, “हमने दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के प्रतिनिधियों के रूप में अपनी साझा प्राथमिकताओं और जिम्मेदारियों पर चर्चा करने का वास्तव में आनंद लिया।” इसकी प्रतिक्रिया में संधू ने ट्वीट किया, ”हमारे लोकतंत्र में मजबूत साझेदारी और विविधता की ताकत को दर्शाते हुए आपके गर्मजोशी भरे भाव की सराहना करती हूं। आपके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं।”
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग दे रहे प्रतिक्रिया
नीदरलैंड में दो शीर्ष महिला राजनयिकों के बीच बैठक की तस्वीरों के साथ किए गए ट्वीट के बाद अब भारतीय-अमेरिकी समुदाय की ओर से प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। राजदान दुग्गल ने बृहस्पतिवार को हिंदू पर्व मकर संक्रांति को मनाने और अमेरिकी नागरिक अधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर को सम्मानित करने के लिए अमेरिकी दूतावास परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया थ। जिसके बाद तमामन प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
भारतीय-अमेरिकियों की राय
रेशमा सौजानी अमेरिकी वकील, राजनीतिज्ञ, सिविल सेवक और गैर-लाभकारी संगठन गर्ल्स हू कोड की संस्थापक हैं। उन्होंने कहा, ”शेफाली हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका की आकांक्षाओं के लिए समर्पित रही हैं। वो हमारे देश से बहुत प्यार करती हैं। साथ ही वो हमेशा अपनी भारतीय जड़ों के काफी करीब रही हैं। जब वो राजदूत बनीं, तो ये संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और भारतीय प्रवासियों के लिए खुशी का क्षण था।”
‘विविधता है अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत’
प्रेस्टन कुलकर्णी AmeriCorps के विदेश मामलों के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा, ”भारतीय-अमेरिकी समुदाय को उनपर गर्व है। अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत हमारी विविधता है। भारत और अमेरिका में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अमेरिकी संस्कृति के हिस्से के रूप में भारत की संस्कृतियों, आस्थाओं और भाषाओं को देखना बहुत सार्थक है।”
‘अमेरिका ने दिए अवसर’
निक राठौड़ पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में सरकारी मामलों के लिए विशेष सहायक और उप निदेशक के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ”ये यात्रा उन पहचानों को दर्शाती है जो भारतीय-अमेरिकी अपने साथ लेकर चलते हैं। एक ओर हमें अपनी समृद्ध भारतीय विरासत और संस्कृति पर बहुत गर्व है। वहीं, एक अमेरिकी होने के लिए बहुत आभारी हैं और इस देश ने हमें जो भी अवसर दिए हैं, उनकी सराहना करते हैं।”