भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुलाई बैठक

बीती 9 दिसंबर को एलएसी के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक बुलाई। राजनाथ के आवास में बुलाई गई इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे। रक्षा सूत्रों का कहना है कि सीडीएस अनिल चौहान ने राजनाथ को तवांग झड़प की जानकारी दी। अब राजनाथ लोकसभा में 12 बजे और राज्यसभा में 2 बजे बयान जारी करेंगे। 

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर सरकार गंभीर है। इस मुद्दे पर आज संसद में भी हंगामे के आसार हैं। संसद में राजनाथ सिंह इस बारे में सरकार की तरफ से बयान भी जारी कर सकते हैं। इससे पहले राजनाथ सिंह ने सीडीएस, सेना प्रमुख और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बड़ी बैठक बुलाई। 

एलएसी पर एक बार फिर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद सरकार सीमा पर सुरक्षा को लेकर चिंतित है। तवांग में हुई झड़प में भारत के 6 जवान घायल हुए। उनकी हालत स्थिर है। जबकि इसमें चीनी सैनिकों की संख्या 15 बताई जा रही है। बैठक में सीडीएस अनिल चौहान ने चीन के साथ एलएसी पर सुरक्षा स्थिति को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। सुरक्षा बलों ने उन्हें हाल ही में तवांग में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हुई झड़पों के बारे में अपडेट किया था।

राजनाथ संसद में देंगे बयान
राजनाथ सिंह तवांग मुद्दे पर सरकार का पक्ष संसद में रखेंगे। लोकसभा में वो दोपहर 12 बजे बयान देंगे। वहीं, राज्यसभा में दोपहर बाद 2 बजे वो बयान जारी करेंगे। दूसरी ओर आज संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष तवांग मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी लोकसभा में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे। इससे पहले आप सांसद राघव चड्ढा ने तवांग मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस जारी किया और मांग की कि संसद की कार्यवाही रोककर इस अहम विषय पर चर्चा की जानी चाहिए।

कांग्रेस ने कल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला किया था। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे। लेकिन मोदी सरकार को अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होना चाहिए।” 

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