भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट ,जानें? कारण

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट एफसीए में कमी के कारण आई है। एफसीए को विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक माना जाता है। ताजा आंकड़ों में यह 2.519 बिलियन डॉलर गिरकर 489.58 बिलियन डॉलर रह गया है।

 देश के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियों में गिरावट के कारण इस हफ्ते भी कमी देखी गई है। इसके कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 9 सितंबर 2022 तक 550 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में आईएमएफ के पास रिजर्व और सोने को छोड़कर लगभग सभी घटकों में गिरावट आई हैं।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.234 बिलियन डॉलर गिरकर 550.871 बिलियन डॉलर रह गया है। इससे पहले 2 सितंबर को जारी आंकड़ों में यह 553.105 बिलियन डॉलर था।

गिरावट का कारण

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियों को सबसे बड़ा घटक माना जाता है। ताजा आंकड़ों में यह 2.519 बिलियन डॉलर गिरकर 489.58 बिलियन डॉलर रह गया है। इससे पहले के हफ्ते में यह 492 बिलियन डॉलर था। जानकार विदेशी मुद्रा आस्तियों में गिरावट की बड़ी वजह डॉलर की मजबूत स्थिति को मान रहे हैं, जिसके चलते रुपये में गिरावट को संभालने के लिए आरबीआई को बड़ी संख्या में डॉलर को बेचना पड़ रहा है।

सोने और आईएमएफ रिजर्व में बढ़ोतरी

देश का सोने का भंडार 340 मिलियन डॉलर बढ़कर 38.644 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। इससे पहले के हफ्ते में सोने के भंडार की कीमत में 1.339 बिलियन डॉलर की कमी आई थी। वहीं, देश का आईएमएफ रिजर्व 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.910 बिलियन डॉलर पहुंच गया है।

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