सनातन धर्म में हर रोज सुबह और शाम देवी-देवताओं की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से उपासना करने से जातक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सदैव सुख-समृद्धि का वास होता है। महिलाओं (Worship Rules for Women) को पूजा के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को पूजा के दौरान हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। साथ ही सिंदूर भी अर्पित करने की मनाही है, क्योंकि बजरंगबली ब्रह्मचारी थे। इसी कारण महिलाओं को प्रभु को छूना वर्जित है।
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए। इन दौरान भगवान से संबंधित पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए और न ही मंदिर जाना चाहिए।
सनातन धर्म में महिलाओं को घर की लक्ष्मी माना जाता है। इसलिए महिलाओं को सुबह स्नान करने के बाद ही मंदिर जाकर या फिर घर में पूजा-अर्चना करनी चाहिए और देवी-देवताओं के पैर नहीं छूने चाहिए।
पूजा-पाठ में नारियल को शामिल किया जाता है। महिलाओं को नारियल नहीं फोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, नारियल को एक बीज के समान माना गया है। शास्त्रों में महिला को जननी इस वजह से कहा जाता है, क्योंकि महिला संतान को जन्म देती हैं। धार्मिक मान्यता है कि अगर महिला नारियल फोड़ती है, तो उन्हें जीवन में संतान संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है।