मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को ले कर कही ये बात, जानिए क्या

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्यपाल नहीं, 3 करोड़ जनता की चुनी हुई सरकार जो चाहेगी वही होगा और वही बिल बनेगा। उन्होने कहा कि झारखंड राज्य लड़कर लिया है, अब 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति भी संघर्ष कर बनाएंगे। मुख्यमंत्री सोमवार को सरायकेला में खतियानी जोहार यात्रा के दौरान सभा को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि 11 नवंबर 2022 को झारखंड विधानसभा से पारित 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता विधेयक को राज्यपाल ने असंवैधानिक बताते हुए वापस लौटा दिया है। 

गैर-बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपाल की मनमानी!
सीएम ने स्थानीयता विधेयक लौटाए जाने पर राज्यपाल पर निधाना साधते हुए कहा कि यह नई बात नहीं है। कई ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा की सरकार नहीं है वहां राज्यपाल यह कर रहे हैं। लेकिन, यह दिल्ली, जम्मू कश्मीर व अंडमान नहीं है। कहा, इससे पूर्व की सरकार सीएनटी-एसपीटी में बदलाव के लिए बढ़ी तो तत्कालीन राज्यपाल ने खारिज कर दिया। आज उसी आधार पर हमने 1932 खतियान आधारित कानून बनाया तो असंवैधानिक बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बाकी सभी राज्य अपने नागरिकों के हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनाते हैं। हमने बनाई तो असंवैधानिक बता दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने अलग झारखंड राज्य की मांग की तो उसे भी असंवैधानिक बताया गया। झारखंड आंदोलनकारियों को नक्सलवादी और उग्रवादी कहा गया। देखते ही गोली मारने के आदेश जारी हुए। आज स्थानीय नीति को असंवैधानिक कहा जा रहा है। 

स्थानीय नीति पर आंदोलन करेगी झारखंडी जनता!
सीएम ने कहा कि आदिवासी मूलवासी की सरकार बनने में 20 साल लग गए, पहले गुजरात और महाराष्ट्र वाले सरकार चलाते थे। पूर्व की सरकारों में महीनों आंदोलन करने वाली सहिया, सेविका व पारा शिक्षक जैसे अन्य लोगों को हमारी सरकार ने ही सम्मान के साथ अधिकार दिया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि देश में जहां कहीं भी गैर बीजेपी शासित राज्य हैं वहां राज्यपाल के माध्यम से सरकारों को प्रयास किया जा रहा है। नीतियां रोक दी जाती हैं। विधेयक वापस कर दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि केंद्र को यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि ये अंडमान-निकोबार, दिल्ली या जम्मू-कश्मीर नहीं है जहां उसकी मनमानी चलती है। हम, स्थानीय नीति पर आंदोलन भी करेंगे। 

बगैर शहादत के कुछ नहीं मिलेगा यहां: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि बगैर शहादत कुछ नहीं मिलेगा। मुट्ठीभर लोग हमें चुनौती दे रहे हैं। इस साजिशको विफल करने के लिए ही खतियानी जोहार यात्रा निकाली गयी है। 1932 खतियान स्थानीय नीति की लड़ाई लड़नी होगी। इसके लिए बिरसा मुंडा नहीं आयेंगे, हममें से ही भगवान बिरसा , शिबू सोरेन बनना होगा। सीएम ने कहा कि गरीबों को साढ़े आठ लाख आवास देने के लिए केंद्र से पैसे मांगे तो नहीं दिया, क्या यह संवैधानिक है। जीएसटी की अवधि नहीं बढ़ाने से राज्य को घाटा हो रहा है क्या यह संवैधानिक है। थर्ड ग्रेड व फोर्थ ग्रेड की भीख मांग रहे हैं, वैसा नहीं चलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सियासी मैदान से हार चुके लोग संस्था का उपयोग कर डरा रहे है, पर हम डरने वाले नहीं हैं। नीलांबर पीतांबर के गांव बूढ़ा पहाड़ जाकर देखा तो आंखों में आंसू आ गये। अब किसी को नक्सली बनने की जरूरत नहीं होगी।

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