यहां जानें क्या गर्ब्वती महिलाओं को रखना चाहिए करवा चौथ व्रत?

करवा चौथ पर्व की गणना हिन्दू धर्म के विशेष पर्वों में की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पीटीआई की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और माता करवा से परिवार के कल्याण की कामना करते हैं।

13 अक्टूबर के दिन देश के कई हिस्सों में करवा चौथ व्रत रखा जाएगा। बता दें कि करवा चौथ के दिन व्रती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए उपवास खोलती हैं। शास्त्रों में भी इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के लिए जरूरी बताया गया है। लेकिन कई बार यह प्रश्न उठता है कि क्या गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह व्रत जरूरी है? आइए जानते हैं।जो गर्भवती महिलाएं व्रत रखना चाहती हैं तो शास्त्रों में इस स्थिति के लिए भी उपाय बताया गया है। ऐसी स्थिति में महिलाएं समय-समय पर छाछ या नारियल पानी ग्रहण करती रहें और फलाहार का सेवन करें। इससे उनकी सेहत भी नहीं बिगड़ेगी और व्रत भी सफल हो जाएगा। इस दिन व्रती महिलाएं करवा चौथ कथा का पाठ जरूर सुनें। साथ ही इस दिन व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर वह व्रत करने के लिए माना करते हैं तो उनकी बात मानें और व्रत ना करें।

क्या गर्ब्वती महिलाओं को रखना चाहिए करवा चौथ व्रत?

शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ व्रत के दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखना चाहिए। लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए लम्बे समय तक भूखा रहना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ और ज्योतिषाचार्य गर्भवती महिलाओं को व्रत नहीं रखने की सलाह देते हैं। व्रत रखने में अगर महिला सक्षम नहीं है तो वह चन्द्रोदय के समय चंद्र देव को अर्घ्य जरूर दें और करवा माता से अपने पति की रक्षा की प्रार्थना जो गर्भवती महिलाएं व्रत रखना चाहती हैं तो शास्त्रों में इस स्थिति के लिए भी उपाय बताया गया है। ऐसी स्थिति में महिलाएं समय-समय पर छाछ या नारियल पानी ग्रहण करती रहें और फलाहार का सेवन करें। इससे उनकी सेहत भी नहीं बिगड़ेगी और व्रत भी सफल हो जाएगा। इस दिन व्रती महिलाएं करवा चौथ कथा का पाठ जरूर सुनें। साथ ही इस दिन व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर वह व्रत करने के लिए माना करते हैं तो उनकी बात मानें और व्रत ना करें।

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