यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए यूपी रोडवेज बीएस-6 मॉडल की बसें चलने की तैयार में है। डेढ़ सौ बसें कानपुर के केंद्रीय कार्यशाला में आ चुकी हैं। इस हाईटेक बसों की खास बात यह है कि इससे 80 फीसदी कम प्रदूषण होगा। साथ ही किसी भी तरह के तकनीकि गड़बड़ी जैसे शॉर्ट सर्किट से आग, टायर फटने जैसे हादसों की पूर्व सूचना इसमें लगे साफ्टवेयर के माध्यम से मिल जाएगी। बस के किसी भी हिस्से अथवा कुलपुर्जो में खराबी पहले ही पकड़ में आ जाएगी। अभी ये बसें गुजरात और कर्नाटक में चल रही हैं
इसके लिए डिपो के फोरमैन को बस की सप्लाई करने वाली कंपनी ट्रैनिंग देगी। ताकि किसी हादसे पर बस की मरम्मत करके यात्रियों को सुरक्षा सफर कराया जा सके। बस में 26 सेंसर सॉफ्टवेयर लगे हैं जो मरम्मत के समय दिक्कतें बता देंगे। बीएस सिक्स मॉडल की पहले चरण में 150 बसें आ गई है। बसें परिवहन निगम के केंद्रीय कार्यशाला में खड़ी है। दूसरे चरण में 775 बसों की चेचिस आ गई है। चेचिस पर बस बॉडी बनाने के लिए टेंडर जारी किए हैं। परिवहन निगम मुख्यालय के सीजीएम प्राविधिक संजय शुक्ला ने बताया कि यात्रियों को बसों की सुविधा इसी महीने मिलने लगेगी।
-बस में टायर फटने या आग से बचाएंगे सेंसर
– बसें बीएस सिक्स मॉडल की पहले चरण में आ चुकी हैं
– बस के हर कलपुर्जो पर लैपटॉप से नजर रखी जाएगी
– नए इंजन मॉडल से 80 फीसदी तक प्रदूषण नहीं फैलेगा
– किसी घटना की संभावना पर बस में इमरजेंसी घंटी होगी