लोकसभा चुनाव: कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में, जाने क्यों?

मध्य प्रदेश चुनाव के बहाने सपा और कांग्रेस की तल्खी सामने आ चुकी है। कांग्रेस नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बयान के सियासी मायने हैं। ऐसे हालात में सपा और बसपा के तमाम नेता कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा और बसपा के सांसद व पूर्व सांसद कांग्रेस का हाथ थामने की तैयारी में है। कांग्रेस आला कमान से दोनों दलों के एक-एक सांसद की पहली दौर की बातचीत भी हो चुकी है। ये दोनों सांसद अपने-अपने दलों के अन्य नेताओं से मशविरा कर रहे हैं। इनके जरिए कांग्रेस पश्चिम से पूरब तक नया समीकरण तैयार कर अपनी वोटबैंक की गठरी भारी करने में जुटी है।
मध्य प्रदेश चुनाव के बहाने सपा और कांग्रेस की तल्खी सामने आ चुकी है। कांग्रेस नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बयान के सियासी मायने हैं। ऐसे हालात में सपा और बसपा के तमाम नेता कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। वे बदली सियासी परिस्थितियों में भविष्य की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि सपा और बसपा के एक-एक सांसद और कई पूर्व सांसद कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में हैं। दोनों दलों के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेताओं की एक दौर की बातचीत भी हो चुकी है। वे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने की तैयारी में हैं। इन नेताओं के जरिये कांग्रेस न सिर्फ लोकसभा चुनाव, बल्कि भविष्य की सियासत भी साधना चाहती है। कांग्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इमरान मसूद, पूर्व मंत्री कोकब हमीद के बेटे अहमद हमीद और फिरोज आफताब जैसे नेताओं को अपने पाले में कर पहले ही अल्पसंख्यकों को जोड़ने का संदेश दे चुकी है। इससे पहले भी सपा और बसपा के कई अल्पसंख्यक नेता कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं।

सपा-बसपा ही नहीं भाजपा के भी कई सांसद भी संपर्क में : अजय
इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि सपा-बसपा ही नहीं भाजपा के भी कई सांसद व पूर्व सांसद संपर्क में हैं। हालांकि वह उनका नाम अभी स्पष्ट नहीं करते हैं, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि कांग्रेस की कोशिश होगी कि दूसरे दल से आने वाले हर नेता का सम्मान रखा जाए। जो भी कांग्रेस में आएगा, उसका स्वागत करने के लिए पूरी टीम तैयार हैं। हम उनकी सकारात्मक ऊर्जा लेकर भाजपा का सफाया करेंगे।

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