वाशिंगटन में एक भारतयी नागिरक को ड्रग्स बांटने के आरोप में मिली 7 साल से लंबे समय के लिए जेल की सजा..

 एक 34 वर्षीय भारतीय व्यक्ति को 3.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतरराष्ट्रीय नशीली दवाओं की तस्करी की साजिश में शामिल होने की वजह से सजा सुनाई गई। दरअसल, इस तस्करी में दोषी पाए जाने के बाद आरोपी को सात साल से अधिक समय के लिए जेल की सजा सुनाई गई। आरोपी भारत और सिंगापुर से नशीले पदार्थ लेकर अमेरिका जाता था। आरोपी की पहचान मनीष कुमार के तौर पर की गई है।

7 साल से लंबे समय के लिए जेल की सजा

बोस्टन में संघीय अभियोजक ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि मनीष कुमार ने अमेरिका में लोगों को लाखों के अवैध और अस्वीकृत गोलियां बेची हैं। बयान में यह भी बताया गया है कि आरोपी कुमार को अमेरिकी जिला अदालत के न्यायाधीश मार्क एल वुल्फ ने 87 महीने की जेल की सजा सुनाई थी और रिहाई के बाद तीन महीने के लिए निगरानी रखने का आदेश दिया था। आरोपी को 100,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया गया था।

कुमार का काम था कि जो भी भारत के कॉल सेंटर में ड्रग्स के लिए संपर्क करता था उन्हें खुद अमेरिका जाकर अवैध दवाइयां देना चाहे, किसी के पास दवाइयों का प्रिस्क्रिप्शन हो या न हो। कुमार खुद सिंगापुर और भारत में के राज्यों जाकर ड्रग्स सप्लाई करता था। कुमार के ड्रग कारोबार ने 3.5 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक का रेवेन्यू अर्जित किया है।

मुम्बई के दवा कंपनी में पार्टनर

कुमार मिहू बिजनेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई की एक दवा कंपनी में पार्टनर था। यह कंपनी “ऑल हर्ब डिस्ट्रीब्यूटर्स”, “365 लाइफ ग्रुप” और “हेल्थ लाइफ 365 कंपनी” सहित कई संस्थाओं के माध्यम से संचालित होती थी। फेडरल अधिवक्ता ने बताया कि 2015 से 2019 तक भेजी जाने वाली अवैध गोलियों में जेनेरिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन ड्रग्स, शेड्यूल II नियंत्रित पदार्थ, जैसे हाइड्रोकोडोन, ऑक्सीकोडोन और टेपेंटाडोल और शेड्यूल IV नियंत्रित पदार्थ, जैसे ट्रामाडोल शामिल हैं।

2020 में अपनी गिरफ्तार के दौरान कुमार ने नियंत्रित पदार्थों की बिक्री में अपनी भागीदारी को लेकर गलत बयान दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2022 में, कुमार को गलत ब्रांड वाली दवाओं और नियंत्रित पदार्थों के आयात की साजिश के एक मामले में दोषी पाया गया साथ ही शेड्यूल II और शेड्यूल IV नियंत्रित पदार्थों को वितरित करने की साजिश और संघीय अधिकारियों को झूठे बयान देने के लिए भी दोषी करार दिया गया था।

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