दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आई विश्व बैंक की टीम ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में 5000 अभ्युदय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। यह विद्यालय अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। विद्यालय में टेबलेट और स्मार्ट क्लास के जरिये पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों की सुविधा के लिए बाल वाटिका का निर्माण भी कराया जाएगा। साथ ही गणित, विज्ञान और कंप्यूटर की प्रयोगशाला भी बनाई जाएगी। बच्चों के स्वास्थ्य का दुरुस्त रखने के लिए विद्यालय में ओपने जिम की व्यवस्था की जाएगी।
विश्व बैंक की टीम ने देखी शिक्षा व्यवस्था
निपुण भारत मिशन के सफल क्रियान्वयन में अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने और परिषदीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का हाल जानने के लिए विश्व बैंक की नौ सदस्यीय टीम को राज्य परियोजना कार्यालय पाठ्यपुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी और यूनिसेफ कंसलटेंट राजीव के साथ गोरखपुर पहुंची। टीम ने विद्यालयों का स्थलीय भ्रमण किया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में एकेडमिक टीम के साथ की गई समीक्षा बैठक में प्रत्येक कलस्टर पर लाइब्रेरी एवं आइसीटी के उपकरणों से लैस लैब की आवश्यकता से टीम को अवगत कराया।
टीम में यह रहे शामिल
पर्यवेक्षक टीम के सदस्यों द्वारा जनपद के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और बेसिक शिक्षा विभाग की वित्तीय व्यवस्था को भी गंभीरता के साथ जांचा-परखा गया। विश्व बैंक के टीम में शबनम सिन्हा, प्रद्युम्न भट्टाचार्जी, कनुप्रिया मिश्रा, सरह लाइप, पपिआ भट्टाचार्जी, नइल बुट्चर, बोधिसत्य दत्ता, स्वाती गैमलील और ऋषिकेश कोलत्कर शामिल रहे।
बेसिक शिक्षा की योजनाओं की हुई प्रस्तुति
विश्व बैंक की टीम के सामने मंगलवार को निपुण भारत मानिटरिंग सेंटर में सीडीओ संजय कुमार मीना ने बेसिक विभाग में चल रही कायाकल्प योजना, कस्तूरबा विद्यालय एवं निपुण भारत मिशन योजना में शासन की भूमिका, निर्देश एवं योजना के क्रियान्वयन की प्रस्तुति की। उन्होंने विद्या भवन लखनऊ में स्थित प्रदेश मानिटरिंग सेंटर द्वारा किये जा रहे कार्यो से शिक्षा में होने वाले बदलावों पर भी चर्चा की। बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह द्वारा निपुण भारत मानिटरिंग सेंटर (एनबीएमसी) की संकल्पना पर टीम से जानकारी साझा किया। जिला समन्वय प्रशिक्षण विवेक जायसवाल ने सरल एप असिसमेंट और उससे प्राप्त आंकड़ों की शैक्षिक परिवर्तन में भूमिका को प्रस्तुत किया।
कक्षा 12 तक होंगे उच्चीकृत कंपोजिट विद्यालय
जिला समन्वय निर्माण रमेश चंद ने प्रदेश में अभ्युदय कार्यक्रम द्वारा प्रत्येक ब्लाक के पांच कंपोजिट विद्यालयों को कक्षा 12 तक उच्चीकृत किये जाने की योजना से विश्व बैंक की टीम को अवगत कराया। इसके लिए विद्यालय की भूमि एवं अन्य आवश्यकताओं की समीक्षा के लिए टीम ने कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय जंगल कौड़िया का निरीक्षण किया। कंपोजिट विद्यालय बरहुआ और कम्पोजिट विद्यालय बड़गहन में टीम द्वारा स्कूल रेडिनस के संचालन की स्थिति, निपुण लक्ष्य एप, दिव्यांग बच्चों को समावेशी शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाले समर्थ एप के प्रयोग की सार्थकता को जाना।