आज यानी की 13 अगस्त को बॉलीवुड की लीजेंड एक्ट्रेस वैजयंती माला अपना 92वां जन्मदिन मना रही हैं। वैजयंती माला ने 50 से लेकर 70 के दशक तक बड़े पर्दे पर राज किया है। उन्होंने बॉलीवुड से लेकर साउथ तक की फिल्मों में काम किया है। इस दौरान एक्ट्रेस ने अपने डांस, अदाकारी और असीम सुंदरता के लिए जानी गईं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर एक्ट्रेस वैजयंती माला के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में..
जन्म और परिवार
चेन्नई के त्रिपलीकेन में 13 अगस्त 1933 को वैजयंती माला का जन्म हुआ था। इनकी मां तमिल सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। ऐसे में वह भी बचपन से ही भारतनाट्यम सीखने लगी थीं। वहीं 13 साल की उम्र में वैजयंती माला स्टेज पर परफॉर्मेंस देने लगीं। जल्द ही उनको फिल्मों में काम करने का मौका मिला।
फिल्मी करियर
अभिनेत्री ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत साल 1949 में तमिल फिल्म ‘वाजकाई’ से की थी। दक्षिण भारत में कुछ फिल्में करने के बाद अभिनेत्री हिंदी फिल्म ‘बहार’ के जरिए हिंदी सिनेमा में कदम रखा। अपनी पहली फिल्म से ही अभिनेत्री बॉलीवुड में छा गईं। आगे चलकर वैजयंती माला ने ‘मधुमती’, ‘लड़की’, ‘देवदास’, ‘संगम’, ‘नागिन’ और ‘नया दौर’ जैसी हिट फिल्में दीं। बता दें कि 50 से 70 के दशक में अभिनेत्री ने हिंदी सिनेमा के नामी अभिनेताओं के साथ काम किया था।
अभिनेत्री वैजयंती माला ने राज कपूर, दिलीप कुमार, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और जॉय मुखर्जी जैसे नामी और दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया। हर अभिनेता के साथ उनकी जोड़ी पसंद की गई। वह हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण और बंगाली फिल्मों में भी सक्रिय रहीं। साल 1970 में आई फिल्म ‘गंवार’ अभिनेत्री की आखिरी हिंदी फिल्म थी।
अवॉर्ड लेने से कर दिया था इंकार
अभिनेत्री को तीन बार बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। लेकिन साल 1955 में फिल्म ‘देवदास’ के लिए जब वैजयंती माला को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला, तो अभिनेत्री ने इसे लेने से इंकार कर दिया। क्योंकि यह अवॉर्ड अभिनेत्री को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए मिला था। जबकि अभिनेत्री का कहना था कि इस फिल्म में उनका रोल चंद्रमुखी सपोर्टिंग नहीं था, बल्कि पारो यानी सुचित्रा सेन के बराबर था। वहीं साल 1996 में अभिनेत्री को लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवॉर्ड भी मिला। साल 1968 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और 2024 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
राजनीति में हुईं सक्रिय
अभिनय को अलविदा कहने के बाद वैजयंती माला ने राजनीति में आने का फैसला किया। साल 1984 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता भी। फिर आगे वह राज्यसभा के लिए मनोनीत हुईं।