लखनऊ में अमीनाबाद से मदह-ए-सहाबा का जुलूस निकाला गया। इस दाैरान खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुहम्मद साहब के इंसानियत के पैगाम को जीवन में उतारेंगे तभी देश की तरक्की संभव हो सकती है। जागरण संवाददाता
लखनऊ में 12वीं रवी उल अव्वल (बारावफात) पर मदह ए सहाबा का जुलूस सुबह नौ बजे झंडे वाला पार्क अमीनाबाद से निकाला गया। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सभी को मुबारकबाद दी और पैगंबर के इंसानियत के पैगाम को जीवन में उतारने की अपील की। मौलाना ने कहा कि लखनऊ के साथ ही पूरी दुनियां में जुलूस निकाला गया। सभी ने देश की तरक्की और अमन की दुआएं कीं। जुलूस मौलवीगंज, रकाबगंज चौराहे से नादान महल रोड, यहियागंज से नक्खास तिराहा, टूड़ियागंज से हैदरगंज लाल माधव तिराहे के रास्ते ऐशबाग ईदगाह पहुंचा। जगह-जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
जगह-जगह लगीं सबील
मदह ए सहाबा का जुलूस अमीनाबाद झंडे वाला पार्क से शुरू हुआ और मौलवीगंज, रकाबगंज, यहियागंज, नक्खास, टूड़ियागंज, बाजारखाला, हैदरगंज होता हुआ ऐशबाग ईदगाह पर सम्पन्न हुआ। जुलूस में शहर की 200 से ज्यादा अंजुमनों ने शिरकत कर बारगाहे रिसालत में नातिया कलाम पेश किए। जुलूस के दौरान रास्ते भर सैकड़ों की संख्या में सबीले लगाई गईं।
शाहमीना दरगाह से निकला जुलूस ए मुहम्मदी
शाहमीना शाह की दरगाह से जुलूस ए मुहम्मदी भी नीबू पार्क तक निकाला गया। जुलूस की अगुवाई काजी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने किया। काजी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने जलसे को खिताब किया। मौलाना ने कहा कि कोरोना काल के बाद पहली बार ऐसा जुलूस निकाला गया जिसमें लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
देश की तरक्की के लिए दुआएं की गईं
जुलूस में देश की तरक्की के लिए दुआएं की गई। जुलूस में शामिल बैंडों से बजती नात और मनकबत माहौल को रूहानी बना रही थीं। जुलूस में खान-ए काबा के माडल के साथ नारा ए तकबीर, नारा ए रिसालत लगाते हुए लोग शामिल हुए। पूरे शहर से निकलकर बालागंज चौराहा होते हुए चौक स्थित शाहमीना दरगाह पर जाकर मुख्य जुलूस में शामिल हुआ।