अफरा-तफरी के माहौल के बीच शेयर बाजार में तेज बिकवाली हो रही है। इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है। शेयरों के गिरने से अब तक करोड़ों रुपये डूब चुके हैं। मध्य सत्र में बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं के चलते आज शेयर बाजार में अफरा-तफरी का माहौल है। बुधवार को शुरुआती कारोबार में निवेशकों के लगभग 2.21 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
बुधवार को कारोबार शुरू होने के दो घंटे बाद भी प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) गहरे लाल रंग में कारोबार कर रहे थे। मध्य सत्र में बाजार में अस्थिरता देखी गई, जो निवेशकों की घबराहट को दिखाती है
आपको बता दें कि मंगलवार को 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 455.95 अंक या 0.76 प्रतिशत बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 60,571.08 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 133.70 अंक या 0.75 प्रतिशत चढ़कर 18,070.05 पर बंद हुआ। इससे पहले निफ्टी इस साल 4 अप्रैल को 18,000 के ऊपर बंद हुआ था।
कितने पैसे डूबे
बुधवार सुबह 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 564.76 अंक गिरकर 60,006.32 अंक पर आ गया। इसके चलते बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक गिरकर 2,84,49,727.56 करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब यह हुआ कि निवेशकों की संपत्ति से 2.21 लाख करोड़ रुपये कम हो गए हैं।
मंगलवार को जब लगातार चौथे सत्र में बाजार में तेजी आई थी, तब बाजार मूल्यांकन 2,86,71,193.94 करोड़ रुपये था। लेकिन कल शाम अगस्त महीने के अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की संभावना पर चिंता जताए जाने के तुरंत बाद पूरी दुनिया के बाजारों में मंगलवार को हलचल मच गई।
अमेरिकी गिरावट का असर
अमेरिका के एसएंडपी 500 और नैस्डैक कंपोजिट सूचकांकों में क्रमशः 4.32 प्रतिशत और 5.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ अमेरिका और यूरोपीय दोनों बाजार नकारात्मक क्षेत्र में बंद हुए। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 3.94 फीसदी गिरा।वैश्विक रुझानों पर नजर रखते हुए, जापान, चीन और हांगकांग सहित एशियाई बाजार भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। मौजूदा स्थिति ने आशंकाओं को जन्म दिया है कि फेडरल रिजर्व, बढ़ती मुद्रास्फीति को रोकने के लिए और दरों में अधिक आक्रामक बढ़ोतरी कर सकता है।