मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में कैद दिल्ली की केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की मांग के साथ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है। इस याचिका में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता जैन को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के कैबिनेट मंत्री और शकूर बस्ती से विधायक ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष खुद कहा है कि वह अपनी याददाश्त खो चुके हैं और अडिशनल सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से यही बात ट्रायल कोर्ट से भी कही है।
PIL में कहा गया है कि दिल्ली सरकार स्पष्ट तौर पर संविधान में अनुच्छेद 191 (1) (b) के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है, जो सीधे-सीधे कहता है कि ऐसे किसी व्यक्ति को निर्वाचन और विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए, जो विकृत दिमाग का है और सक्षम न्यायालय की तरफ से उसे ऐसा घोषित किया गया हो।’ याचिकाकर्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वकील रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दिल्ली सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि जैन के उन तमाम फैसलों को अमान्य घोषित करे, जो उन्होंने कोरोना संक्रमित होने और फिर याददाश्त गंवाने के बाद लिए हैं
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया जाए जो सत्येंद्र जैन की मानसिक स्थिति की जांच करे। याचिका में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में कई अहम विभाग संभाल रहे हैं और उन्हें हर दिन कई फैसले लेने होते हैं, कागज़ातों, आदेशों पर मुहर लगाना होता है, किन्तु, चूंकि उन्होंने खुद कहा है कि याददाश्त खो चुके हैं, इसलिए कोई दूसरा उनकी बीमारी का नाज़ायज़ लाभ उठा सकता है और अंतत: दिल्ली के लोगों को इसका नुकसान ही होगा।