सपा प्रवक्ता डॉक्टर रोली तिवारी मिश्रा ने अपनी ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद पर रासुका लगाने की मांग की है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया है लेकिन संकेतों के जरिए साफ कर दिया है कि फिलहाल वह सपा के साथ ही हैं।
हिंदू धर्म ग्रंथ रामचरित मानस पर की गई टिप्पणी को लेकर राजनीतिक दलों और साधु-संतों के निशाने पर आए स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अब उन्हीं की पार्टी के एक नेता ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रवक्ता डॉक्टर रोली तिवारी मिश्रा ने अपनी ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर रासुका लगाने की मांग की है। डॉक्टर रोली ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी से अपील की है कि सपा नेता पर सख्त कार्रवाई की जाए। बताते चलें रोली पिछले काफी दिनों से स्वामी प्रसाद मौर्य का मुखर होकर विरोध कर रही हैं।
सपा प्रवक्ता आज का पहला ट्वीट सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर किया, जहां उन्होंने लिखा कि हर तरफ सनातन धर्म के खिलाफ़ साजिश कर, हिंदू जातियों को बांटकर क्या देश में “गृहयुद्ध” जैसी भूमिका रची जा रही है ? दूसरे ट्वीट में उन्होंने सीएम योगी से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रासुका लगाने की मांग की, उन्होंने लिखा कि यूपी में धार्मिक उन्माद और जातीय संघर्ष फ़ैलाने की चेष्टा करने वाले स्वामी प्रसाद पर NSA रासुका लगाई जाए। बकौल रोली, ऐसे धर्म द्रोहियों से राष्ट्र को खतरा है।
इसके बाद रोली ने अपने ट्वीट से साफ कर दिया कि आगे की सियासी राह वह अलग चुनने वाली हैं, उन्होंने लिखा कि एक तरफ राजनीतिक पद लाभ थे दूसरी तरफ प्रभु श्रीराम और श्रीरामचरितमानस… मैंने प्रभु श्रीराम को चुना। जैसे ही कयासों ने जोर पकड़ा कि रोली बीजेपी के साथ जा सकती है, उन्होंने बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाते हुए अपना रुख साफ कर दिया। रोली ने अगले ट्वीट में कहा कि स्वामी प्रसाद द्वारा श्रीरामचरितमानस के अपमान पर बीजेपी में चुप्पी क्यों है? उन्होंने पूछा कि क्या अब बीजेपी के लोग श्रीरामजी के सम्मान की बात नहीं करेंगे ? कहीं समाजवादी पार्टी को बर्बाद करने के लिए सारा मैच फिक्स तो नहीं है ?
इसके बाद भी सपा प्रवक्ता ने कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने मौर्य पर धावा बोलना जारी रखा। आखिर में उन्होंने अखिलेश यादव की रैली की तस्वीरों को साझा कर यह भी साफ कर दिया कि फिलहाल वह समाजवादी पार्टी के साथ ही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले रोली ने स्वामी प्रसाद मौर्य को रामचरित मानस पर शास्त्रार्थ की चुनौती दी थी।