प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को भोपाल में दिए गए संबोधन से इसके पुख्ता संकेत मिले हैं। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट बनाने के लिए गठित समिति इन दिनों इसे अंतिम रूप देने में जुटी है।
फाइनल ड्राफ्ट आते ही सरकार समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर देगी। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि धामी सरकार द्वारा की गई पहल में केंद्र की सहमति सम्मिलित थी। समान नागरिक संहिता का विषय भाजपा के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में इसे प्रमुख स्थान दिया था।
पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति कर रही काम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चुनावी भाषणों में कहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर यहां समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाया। धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया। यह समिति आम जन के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय, प्रदेश की विभिन्न जनजातियों व महिलाओं के साथ बैठक कर उनके सुझाव ले चुकी है।
ड्राफ्ट को दिया जा रहा है अंतिम रूप
सीएम धामी ने कहा कि समाज के सभी वर्गों और समुदायों ने खुले मन से अपनी बात समिति के समक्ष रखते हुए सुझाव दिए हैं। प्रदेश सरकार समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ा चुकी है। अभी कार्यकाल सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया है। समिति को ढाई लाख से अधिक सुझाव मिले हैं और वह ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे रही है। अब विधि आयोग (लॉ कमीशन) भी पूरे देश में समान नागरिक संहिता के लिए जनता से विचार विमर्श कर रही है।
देश की नजरें उत्तराखंड पर टिकी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसके निर्देश दे चुकी है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना कर चुके हैं। जाहिर है कि ऐसे में पूरे देश की नजरें उत्तराखंड पर टिक गई हैं। समझा जा रहा है कि उत्तराखंड में लागू होने वाली समान नागरिक संहिता में इससे जुड़े विभिन्न पहलू शामिल किए जाएंगे और इसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इससे केंद्र के साथ ही दूसरे राज्यों के लिए भी राह आसान होगी।
जल्द लागू होगा समान नागरिक संहिता
ऐसे में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द इसे लागू करने के प्रयास में जुट गई है। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसमें आवश्यकतानुसार कुछ संशोधन के साथ विधानसभा से विधेयक पारित कराने के बाद सरकार समान नागरिक संहिता लागू कर देगी। स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि समिति का फाइनल ड्राफ्ट आते ही सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने जा रही है।