सर्च इंजन गूगल की मनमानी पर लगाए गए जुर्माने को लेकर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने निर्देश जारी कर दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई द्वारा गूगल पर लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने का 10 प्रतिशत भुगतान करने का निर्देश दिया है। साथ ही दंड पर रोक न लगाते हुए ट्रिब्यूनल ने सीसीआई को नोटिस जारी किया है और अंतरिम रोक पर सुनवाई के लिए मामले को 13 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
Google ने दायर की थी याचिका
CCI ने आरोप लगाया था कि गूगल अपने प्ले स्टोर पॉलिसी के तहत एप डेवलपर्स को भुगतान के लिए गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम का उपयोग करने पर बाध्य करता है। साथ ही यह बिलिंग के किसी अन्य माध्यम या लिंक को डालने की इजाजत तक नहीं देता है। इसके खिलाफ गूगल ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें कंपनी पर CCI के आदेश को चुनौती दी गई थी।
गूगल ने अपनी याचिका में कहा है कि CCI का फैसला भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक झटका है और इस तरह यह उपकरणों को और अधिक महंगा बना देगा। इसने यह भी आरोप लगाया कि महानिदेशक (डीजी) के पास विदेशी अधिकारियों के फैसलों के पैराग्राफ कॉपी-पेस्ट हैं।
जुर्माने पर अंतरिम रोक की मांग
गूगल ने अपनी याचिका में जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी, जिसे अपीलेट ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दिया है। Google ने कहा था कि एंड्रॉयड ने भारतीय उपयोगकर्ताओं, डेवलपर्स और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को बहुत लाभ पहुंचाया है और भारत के डिजिटल बदलाव को दिशा दी है।
बता दें कि गूगल का प्ले स्टोर, एंड्रॉयड मोबाइल फोन यूजर्स तक पहुंचने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। इसकी मदद से यूजर विभिन्न ऐप को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल कर सकते हैं।