सिंगापुर में LGBTQ समुदाय के बीच शारीरिक संबंध बनाने को अब अपराध नहीं माना जाएगा। सरकार ने पुरुषों के बीच संबंध को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित कानूनों में संशोधन किया जाएगा।
सिंगापुर ( में समुदाय को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। सिंगापुर में अब से पुरुषों के बीच शारीरिक संबंध बनाने को अपराध नहीं माना जाएगा। सरकार ने पुरुषों के बीच संबंध को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने की घोषणा की है।
सरकार ने कहा है कि जल्द ही इससे संबंधित कानूनों में संशोधन किया जाएगा। इस फैसले को एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific Region) में LGBTQ के अधिकारों के लिए सही दिशा में उठाए गए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
समान लिंग में संबंध बनाना होगा वैध
इससे LGBTQ समुदाय फायदा मिलेगा, जो विभिन्न कानूनों के चंगुल में फंसे हैं। कई देशों में एक ही लिंग के लोगों के बीच यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है और कई देशों में समान-लिंग विवाह, साझेदारी और समान यौन संबंध को अपराध माना जाता है।
हालांकि, अब कई देश ऐसे कानून को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। सिंगापुर सरकार के इस फैसले के प्रभावी होने के बाद सामान लिंग के साथ संबंध बनाना वैध हो जाएगा और उन्हें किसी प्रकार से दंडित नहीं किया जाएगा।
कानूनों में किया जाएगा संशोधन
सिंगापुर ने कहा है कि वह LGBTQ समुदाय को इस तरह के कानूनों से आजाद कराने के लिए अपने संविधान में संशोधन करेगा। इस घोषणा के बाद अब सिंगापुर एशिया में LGBTQ समुदाय के ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करने वाले देशों में सबसे नवीनतम बन जाएगा।
19वीं और 20वीं सदी में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत पुरुषों के बीच संबंध पर कई प्रतिबंध लगाए गए थे और कानून ऐसे कृत्यों को प्रकृति के आदेश के उल्लंघन करार दिए गए थे।
इन देशों में खत्म हो चुका है प्रतिबंध
इससे पहले, 2018 में भारत में LGBTQ समुदाय के ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त किया गया था। भारत में प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था। इसके साथ ही LGBTQ मुद्दों को लेकर थाईलैंड में भी विचार किए जा रहे हैं।
थाईलैंड (Thailand) समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए विवाह समानता या नागरिक भागीदारी को वैध बनाने के बहुत करीब पहुंच चुका है।