आगरा फोर्ट स्टेशन से बांदीकुई तक ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने रेलवे अधिकारियों की परेशानी को बढ़ा दिया है। कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों से पूछा है कि 2895 पेड़ कटने से पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचेगा इसकी रिपोर्ट जून 2024 तक दाखिल करनी होगी। रिपोर्ट के बाद ही पेड़ को काटने की अनुमति पर चर्चा होगी।
आगरा फोर्ट स्टेशन से बांदीकुई तक ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने रेलवे अधिकारियों की परेशानी को बढ़ा दिया है। कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों से पूछा है कि 2895 पेड़ कटने से पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचेगा, इसकी रिपोर्ट जून 2024 तक दाखिल करनी होगी।
रिपोर्ट के बाद ही पेड़ को काटने की अनुमति पर चर्चा होगी। इस केस की सुनवाई 11 जुलाई को होगी। आगरा फोर्ट से बांदीकुई तक ट्रैक का दोहरीकरण किया जा रहा है। यह कार्य 973 करोड़ रुपये से होगा। 148 किमी लंबे ट्रैक के रास्ते में 2895 पेड़ आ रहे हैं। रेलवे ने पेड़ को काटने की अनुमति मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस याचिका की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि इतने अधिक पेड़ काटने की सीधे अनुमति नहीं दी जा सकती है। पेड़ कटने से पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचेगा। इसका सर्वे होना चाहिए। सर्वे की रिपोर्ट जून तक दाखिल करनी होगी। इसके बाद ही पेड़ काटने की अनुमति दी जाएगी या नहीं, इस पर निर्णय लिया जाएगा। इस वाद की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
प्रधानमंत्री कर चुके हैं शिलान्यास
आगरा फोर्ट से बांदीकुई ट्रैक के दोहरीकरण का एक माह पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिलान्यास किया था। बांदीकुई तक ट्रैक का दोहरीकरण होने से ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी।