भारत के पहले स्वदेशी हल्के टैंक जोरावर का परीक्षण शुरू हो चुका है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को उम्मीद है कि इसे भारतीय सेना को अप्रैल तक सौंपा जा सकता है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि अपने नए इंजन के साथ लाइट टैंक को बनाने का काम शुरू हो गया है। टैंक को 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक ले जाया गया है। इस साल अप्रैल तक इसे भारतीय सेना को दिए जाने की उम्मीद है।
सेना ने 59 जोरावर लाइट टैंकों के उत्पादन और आपूर्ति का आर्डर डीआरडीओ को दिया है। ये लार्सन एंड टुब्रो के साथ मिलकर बनाए जा रहे हैं। इस लाइट टैंक को पहले रेगिस्तान और ऊंचाई वाले स्थानों पर परीक्षण के लिए दिसंबर तक भारतीय सेना को सौंपा जाना था। लेकिन, जर्मनी से इंजन आपूर्ति में देरी के कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई है।
भारतीय सेना एक अलग प्रोग्राम के तहत 295 और हल्के टैंक खरीदने के लिए टेंडर निकालने वाली है। इसके लिए छह से सात कंपनियां अपने हल्के टैंक पेश करेंगी। इस मेगा प्रोजेक्ट को भारतीय सेना पूरी तरह से समर्थन दे रही है। वह विश्व स्तरीय हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ काम कर रही है।
अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना लद्दाख सेक्टर में अपनी गतिशीलता और युद्धाभ्यास क्षमताओं में सुधार के लिए लाइट टैंक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। यहां चीन ने भी बड़ी संख्या में अपने हल्के टैंक तैनात किए हैं।