यह हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। इसे 640 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 690 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बनाया गया है। 2300 मीटर रनवे के साथ हवाई अड्डा सभी मौसम के संचालन के लिए उपयुक्त है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज ईटानगर के होलांगी में अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे ‘डोनी पोलो एयरपोर्ट’ का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी डोनी पोलो हवाई अड्डे पर पहुंच गए हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने उड़ान ब्रोशर लॉन्च किया है। अब से कुछ ही देर में वह हवाई अड्डे का उद्घाटन भी करेंगे। साल 2019 में पीएम मोदी ने होलोंगी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की आधारशिला रखी थी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार होलोंगी में टर्मिनल का निर्माण लगभग 955 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसका क्षेत्रफल 4100 वर्ग मीटर है और इसकी अधिकतम क्षमता प्रति घंटे 200 यात्रियों को संभालने की है।
690 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बनाया गया यह एयरपोर्ट
यह हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। इसे 640 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 690 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बनाया गया है। 2,300 मीटर रनवे के साथ हवाई अड्डा सभी मौसम के संचालन के लिए उपयुक्त है।
डोनी पोलो एयरपोर्ट अरुणाचल का तीसरा परिचलाचन हवाई अड्डा
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि हवाई अड्डा टर्मिनल एक आधुनिक इमारत है। यह ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और संसाधनों के रिसाइकल को बढ़ावा देती है। डोनी पोलो एयरपोर्ट अरुणाचल प्रदेश के लिए तीसरा परिचालन हवाई अड्डा होगा। इसके साथ ही देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में कुल हवाई अड्डों की संख्या को 16 हो जाएगी। 1947 से 2014 तक उत्तर-पूर्व में केवल नौ हवाई अड्डे बनाए गए थे। तब से आठ सालों की छोटी अवधि में मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में सात हवाई अड्डे बनाए हैं।
नॉर्थ ईस्ट में 2014 के बाद से विमानों की उड़ानों में देखी गई वृद्धि
पांच पूर्वोत्तर राज्यों अर्थात् मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हवाई अड्डों ने 75 सालों में पहली बार उड़ानें शुरू की हैं। बयान में कहा गया है कि उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में भी 2014 के बाद से 113 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यह 2014 में 852 प्रति सप्ताह से बढ़कर 2022 में 1817 प्रति सप्ताह हो गई है।
सूर्य और चंद्रमा से जुड़ा है इस एयरपोर्ट का नाम
हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति इसकी सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।