
रैपिड ट्रेन के ट्रायल की शुरुआत अगले माह के पहले सप्ताह में कर दी जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में दिसंबर 2023 तक दुहाई से आगे मेरठ साउथ तक इस ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।दिल्ली में देरी से कार्य शुरू होने की वजह से सबसे आखिर में यह ट्रेन दौड़ेगी, उसके लिए 2025 तक का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेन के किराये को लेकर मंथन चल रहा है। एसी कोच, आरामदायक सीटें और सुरक्षा के मापदंडों पर रैपिड ट्रेन यातायात के बाकी माध्यमों से बेहतर है।
रैपिड ट्रेन दिसंबर 2023 तक मेरठ में पटरी पर दौड़ने लगेगी। शुक्रवार को आनंद विहार बस अड्डा परिसर में दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के भूमिगत हिस्से के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के एमडी विनय कुमार सिंह ने यह जानकारी दी।
मार्च, 2023 में चलेगी रैपिड मेट्रो
एनसीआरटीसी निर्धारित लक्ष्य से तीन माह पहले मेरठ तक इस ट्रेन को दौड़ने की तैयारी कर रहा है। पहले यहां के लिए मार्च 2024 तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया था। विनय कुमार सिंह ने बताया कि सबसे पहले साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर रूट पर मार्च 2023 तक रैपिड ट्रेन को चलाना है।
रैपिड ट्रेन स्टेशन को आनंद विहार रेलवे स्टेशन से जोड़ा जाएगा
विनय कुमार सिंह ने बताया कि मेट्रो स्टेशन (ब्लू और पिंक लाइन) के एक तल नीचे ही रैपिड ट्रेन का स्टेशन बनाया जा रहा है। दोनों के बीच की दूरी करीब 50 मीटर है। इसी तरह 250 मीटर लंबे फुटओवर ब्रिज के माध्यम से रैपिड ट्रेन स्टेशन को आनंद विहार रेलवे स्टेशन से जोड़ा जाएगा। कौशांबी बस अड्डे की दूरी 200 मीटर रहेगी, यहां जाने के लिए भी फुटओवर ब्रिज रहेगा।
कई शहरों के लोगों को मिलेगा सीधा लाभ, सफर होगा आसान
बता दें कि दिल्ली मेट्रो रैपिड रेल का परिचालन शुरू होने पर दोनों शहरों के बीच की दूरी 1 घंटे से भी कम रह जाएगी। इसके संचालन से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मोदीनगर और मुरादनगर के लोगों को सीधे फायदा मिलेगा। इसके संचालन से जहां सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा, वहीं वायु प्रदूषण को भी काबू करने में मदद मिलेगी।