सरकारी स्कूल में भी विभिन्न गतिविधियों पर बच्चों का आंतरिक मूल्यांकन किया जायेगा। इसकी शुरुआत सितंबर में होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा से की जायेगी। एक से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं का अब आंतरिक मूल्यांकन किया जायेगा।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा तैयार गतिविधियों में 12 गतिविधियों को शामिल किया गया है। इसमें उपस्थिति, नेतृत्व क्षमता और व्यवहार को शामिल किया गया है। स्कूल परिसर की साफ-सफाई पर दस अंक तो स्कूल नियमित आने पर पांच अंक मिलेंगे।
आंतरिक मूल्यांकन सौ अंकों का होगा। इसमें हर गतिविधि के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किये गए हैं। इसकी जानकारी सभी स्कूलों को अभिभावक और विद्यार्थियों को देनी होगी, जिससे उन्हें स्कूल समय से और नियमित आने की आदत लगे। विद्यार्थियों को पता हो कि स्कूल आने पर उन्हें अंक मिलेंगे। स्कूल में अनुशासन में रहने की आदत भी छात्रों को रखनी होगी। अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा में इसके अंक जुड़ेंगे। हर विद्यार्थी को साल भर के प्रदर्शन के आधार पर अंक दिया जाएगा
इन गतिविधियों पर होगा आंतरिक मूल्यांकन
- विद्यालय में उपस्थिति 05 अंक
- मददगार, व्यवहार 04 अंक
- कक्षा में सक्रियता 08 अंक
- कक्षा में प्रश्न पूछना 10 अंक
- प्रतियोगिता में भाग लेना 15 अंक
- खेलकूद में सहभागिता 10 अंक
- स्कूल की साफ-सफाई में शामिल होना 10 अंक
- गायन, वादन, कलात्मक गतिविधि में शामिल 10 अंक
- कलात्मक प्रतियोगिता (चित्रांकन, मूर्तिकला आदि) 08 अंक
- नेतृत्व क्षमता (वर्ग मॉनिटर, मीनामंच के सदस्य, बाल संसद के सदस्य आदि) 10 अंक
- सृजनात्मक (अनुपयोगी सामग्रियों का उपयोग कर खिलौने आदि बनाना) 10 अंक
आंतरिक मूल्यांकन से स्कूल में अनुशासन बढ़ेगा। छात्र को पता होगा तो वो किसी तरह की गलत हरकत नहीं करेंगे। बच्चों में नियमित स्कूल आने की आदत विकसित होगी। -अमित कुमार, डीईओ पटना