तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। बाजार के जानकार अंतराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के जो संकेत नजर आ रहे उसकी दो वजहें बता रहे हैं।
तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई बाजार में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी क्रूड वायदा 34 सेंट बढ़कर 95.23 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि ब्रेंट क्रूड वायदा 51 सेंट बढ़कर 101.73 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया। बुधवार को कच्चे तेल के दोनों बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट तीन हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुंच गए।
बाजार के जानकार बताते हैं कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के जो संकेत नजर आ रहे उसकी दो वजहे हैं। दरअसल सऊदी अरब का कहना है कि ओपेक (OPEC) देश कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं। सऊदी अरब की इस चेतावनी के बाद क्रूड आयल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई थी। ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ने मंगलवार को कच्चे तेल की कीमत 100.22 डालर प्रति बैरेल तय की थी।ओपेक (OPEC) सूत्रों का कहना है कि तेल उत्पादक देशों की ओर से की गई किसी भी तरह की कटौती के चलते फ्यूल की कीमतें बढ़ सकती है। विश्लेषकों की मानें तो यदि तेहरान विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौता कर लेता है तो बाजार में ईरानी तेल की वापसी की की संभावना बन जाएगी। अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो परमाणु समझौते के मुद्दे पर ईरान ने अपनी शर्तों से थोड़ा पीछे हटने के संकेत दिए हैं।वहीं ईरान का कहना है कि उसे 2015 के परमाणु समझौते की बहाली के लिए अमेरिका से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। हालांकि अभी तक परमाणु समझौते के मुद्दे पर ईरान और अमेरिका दोनों ही मुल्कों की ओर से आधिकारिक तौर पर यह जानकारी सामने नहीं आई है कि वे बाकी बचे मुद्दों को सुलझाने के कितने करीब हैं। हालांकि देश में तेल की कीमतें स्थिर हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर जबकी डीजल की कीमत ₹ 89.62 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है।