कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वहीं अब उनके इस्तीफे पर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
आजाद ने शुक्रवार को अपनी प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, जिससे कई दिग्गजों को अलविदा कहने वाली पार्टी को एक और झटका लगा।
कांग्रेस ने कहा, यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक है कि यह तब हुआ है जब पूरा संगठन महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर भाजपा से मुकाबला करने में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। यह दुख की बात है कि जब पार्टी महंगाई और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही थी, तो उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर फारूख अब्दुल्ला ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि सम्मान नहीं मिल रहा होगा, पहले उन पर प्यार बरसा था। 32 नेताओं ने पत्र लिखे तो कांग्रेस हैरान रह गई, लेकिन ऐसा पहले भी हुआ है, कांग्रेस और मजबूत हुई। देश को अब एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है।
भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि, यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस आत्म-विनाश, आत्मघाती मोड में है। मेरा सुझाव है कि राहुल गांधी अपने अहंकार को अलग रखें….गुलाम नबी आजाद का भाजपा में स्वागत है। अगर पार्टी मुझसे पूछे तो मैं उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए उन्हें मना सकता हूं।
जयवीर शेरगिल ने कहा कि, वास्तव में यह गुट कांग्रेस के भीतर ‘कांग्रेस टोडो अभियान’ पर काम कर रहा है। यह पत्र इस ‘दरबारी’ संस्कृति से परेशान हज़ारों नेकदिल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को बयां करता है।