कोलंबिया और अर्जेंटीना ने भारतीय तेजस में देखई अपन दिलचस्‍पी जाने क्या है इसमे खासियत

JF-17 vs Tejas ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारतीय तेजस की इतनी धूम क्‍यों मची है। दुनिया भर की वायु सेना को यह रास क्‍यों आ रहा है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि पाकिस्‍तान जेएफ 17 और तेजस में क्‍या है अंतर।

मलेशिया, कोलंबिया और अब अर्जेंटीना ने भारतीय एलसीए तेजस में अपनी गहरी दिलचस्‍पी दिखाई है। अर्जेंटीना पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से तेजस पर चर्चा के संकेत हैं। एस जयशंकर की यात्रा के दौरान दोनों देशों में तेजस पर वार्ता हुई है। इसके पूर्व पाकिस्तान के जेएफ-17 को खरीदने की अटकलें थी। पिछले वर्ष पाक मीडिया ने दावा किया था कि अर्जेंटीना 12 JF-17 ए ब्लाक-3 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रहा है। अर्जेंटीना सरकार ने संसद में प्रस्तुत वर्ष 2022 के लिए अपने बजट में 664 मिलियन डालर के आवंटन का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दुनिया में भारतीय तेजस की इतनी धूम क्‍यों मची है। दुनिया भर की वायु सेना को यह रास क्‍यों आ रहा है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि पाकिस्‍तान JF-17 और तेजस में क्‍या है अंतर।

अमेरिका समेत छह देशों की तेजस में रुचि

1- दुनियाभर में इन दिनों में भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में कई देशों ने अपनी गहन दिलचस्‍पी दिखाई है। तेजस ने पूरी दुनिया में अपनी धूम मचाई है। इतना ही नहीं विश्‍व का सुपर पावर माना जाने वाला अमेरिका ने भी भारत से तेजस खरीदने की कोशिश कर रहा है। तेजस की बेहतरीन खूबियां के कारण कई देशों ने अपनी रुचि दिखाई है। मलेशिया, कोलंबिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस सहित कई देशों ने स्वदेशी तेजस विमान में अपनी रुचि दिखाई है। तेजस की बेहतर उड़ान क्षमता, उसकी गति और मेंटीनेंस में आसानी ने कई देशों का ध्यान खींचा है। भारतीय वायु सेना ने हाल ही में तेजस को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ फ्रांसीसी हैमर एयर-टू-ग्राउंड स्टैंड-आफ मिसाइल से लैस किया था।

2- तेजस दुनिया में भारतीय इकलौता ऐसा लड़ाकू विमान है, जिसमें रूस, अमेरिका और यूरोपीय देशों के हथियारों को बिना किसी परेशानी के फिट किया जा सकता है। यह भारत के लिए खासकर रक्षा क्षेत्र में उत्‍साह बढ़ाने वाली खबर है। रक्षा क्षेत्र में भारत के निर्यात के लिए बड़ी उम्‍मीद बढ़ी है। भारत सरकार ने कहा है कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत छह देशों ने भारत के लाइट एयरक्राफ्ट तेजस में अपनी रुचि दिखाई है। मलेशिया पहले ही भारत से तेजस विमान को खरीदने की तैयारी में जुटा है। यह भारत के लिए अच्‍छे संकेत हैं।

चीनी JF-17 से काफी ताकतवर है तेजस

भारतीय वायु सेना के लिए तेजस काफी अहम हैं। पड़ोसी मुल्‍कों से मिल रही सामरिक चुनौतियों को देखते हुए तेजस जेट विमान जंग में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। तेजस के मुकाबले में पाकिस्‍तान अपने JF-17 का दम भरता है, लेकिन यह बात ध्‍यान रखने की है जहां तेजस पूरी तरह स्‍वदेशी जेट हैं, वहीं JF-17 को पाकिस्‍तान ने चीन के साथ मिलकर बनाया है। तेजस न सिर्फ तेज और हल्‍का है, बल्कि इसमें JF-17 के मुकाबले ताकतवर इंजन भी लगा है। इसकी पेलोड क्षमता भी JF-17 से ज्‍यादा है। तेजस को नेवी की जरूरत के हिसाब से मॉडिफाई किया जा चुका है जबकि JF-17 के पास ऐसी क्षमता नहीं है।

एयर फोर्स को मिलेंगे 83 तेजस

मलेशिया अपने पुराने रूसी लड़ाकू विमान को बदलने के लिए तेजस खरीदना चाहता है। लाइट एयरक्राफ्ट के मामले में तेजस ने चीन और कोरिया के विमान को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत ने मलेशिया को 18 तेजस एयरक्राफ्ट बेचने की पेशकश की है। तेजस विमान को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स के लिए एचएएल से 83 तेजस खरीदने का करार किया है। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड को इन तेजस के लिए 48000 करोड़ दिया जाएगा। एचएएल एयरफोर्स को तेजस की वर्ष 2023 से डिलीवरी शुरू करेगी।

HAL ने डिजाइन किया है भारत का तेजस

हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तेजस के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर के सहयोग से एयरोनटिकल डेवलपमेंट एजेंसी की ओर विकसित सिंगल इंजन मल्टीरोल लाइट फाइटर जेट है। इस वर्ष की प्रारंभ में एचएएल ने भारतीय वायु सेना को 73 नए तेजस मार्क 1A लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट जेट और 10 तेजस मार्क 1 दो-सीट प्रशिक्षण जेट बनाने के लिए 6.58 बिलियन डालर की डील पर हस्‍ताक्षर किए थे। अब इसके मार्क 2 वर्जन पर भी काम तेजी से चल रहा है। वहीं, नौसेना के लिए तेजस का नेवल वेरिएंट पहले से ही तैयार है, जिसे जल्द ही आईएनएस विक्रांत पर टेस्ट किया जाएगा।

तेजस की प्रमुख खूबियां

1- तेजस एलमुनियम, लिथियम एलोय, कार्बन फाइबर कंपोजिट, टाइटेनियम एलाय और स्टील से निर्मित है। इस वजह से तेजस दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में बहुत हल्का है। तेजस का वजन केवल 65 क्विंटल है। तेजस के हल्का होने के बाद भी इसकी ताकत अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों से कम नहीं है। तेजस की सबसे बड़ी खूबी है कि इसके 50 फीसद से अधिक कंपोनेंट भारत में ही बने हैं। फरवरी, 2019 में तेजस को एयरफोर्स में शामिल किया गया था। तेजस हल्के वजन में बहुत कारगर लड़ाकू विमान है, क्योंकि वह 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है।

2- तेजस को लैंडिंग और टेक आफ के लिए बहुत कम जगह की जरूरत पड़ती है। इसकी वजह से तेजस के लिए हथियार ले जाना बहुत आसान है। तेजस दुर्गम इलाकों में भी आसानी से लैंड कर सकता है। तेजस को रडार से बचने में महारत हासिल है। हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मामलों में हमला करने में तेजस बेहद कारगर है। इसलिए यह दुनिया भर की वायु सेना के लिए बेहतर है। तेजस हर तरह के मौसम में काम करने में सक्षम है। यह सभी खूबियां तेजस को एक अनोखा एयरक्राफ्ट बनाती है। अगर फाइटर जेट सुखोई से तेजस की तुलना करें तो सुखोई की तुलना में तेजस हल्का है और आठ से नौ टन भार ले जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.