वैवाहिक दुष्कर्म मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में दो जजों ने अलग-अलग राय दिए थे जिसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लाया गया। आज सुनवाई के बाद सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भेजा है। अगली सुनवाई 2023 के फरवरी में की जाएगी।
वैवाहिक दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अब मामले की सुनवाई अगले साल के शुरुआत में की जाएगी। दरअसल अपराध के दायरे में वैवाहिक दुष्कर्म मामले को लाने की बात पर दिल्ली हाई कोर्ट के जजों ने अलग-अलग विचार दिए थे जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
फरवरी 2023 के लिए मामला सूचीबद्ध
अजय रस्तोगी व बीवी नागरत्ना की बेंच ने मामले की जांच के लिए सहमति दी और इसे फरवरी 2023 में अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। बता दें कि वैवाहिक दुष्कर्म मामले को आपराधिक श्रेणी में रखने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जजों के अलग-अलग मत थे जिसके बाद आल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमंस एसोसिएशन (AIDWA) व अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
दिल्ली हाई कोर्ट का खंडित फैसला
12 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने मामले पर खंडित फैसला सुनाया था। दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव शकधर इसे अपराध की कैटेगरी में रखने के पक्ष में थे। हरिशंकर ने कहा था कि दुष्कर्म कानून के तहत ‘यह संविधान का उल्लंघन नहीं करता है।’ याचिकाकर्ताओं ने धारा 375 (दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म के अपवाद की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। इनक कहना था यह कि पति द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकार विवाहित महिलाओं के साथ भेदभाव करता है। , जिनका उनके पतियों द्वारा यौन उत्पीड़न किया जाता है।