पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट में समूह ग की परीक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग को सौंपी थी। आयोग ने पारदर्शी तरीके से समूह ग की परीक्षाओं के आयोजन के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है।
लोक सेवा आयोग ने पारदर्शी तरीके से समूह ग की परीक्षाओं के आयोजन के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। निर्विघ्न परीक्षा संपन्न कराने को आयोग पुलिस प्रशासन की भी मदद लेगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट में समूह ग की परीक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग को सौंपी थी।
परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू
- उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से अध्यक्ष डा. राकेश कुमार की ओर से शासन को भेजे प्रस्ताव में परीक्षा के आयोजन के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था के अलावा फर्नीचर, बिजली, पेयजल आदि की व्यवस्था को कहा गया है।
- प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि परीक्षा का आयोजन जिलास्तर पर जिलाधिकारी की देखरेख में किया जाए और आयोग के सहयोग के लिए हर जिले से एडीएम स्तर से ऊपर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
- आयोग ने तहसील और नगर स्तर पर परीक्षा संचालन के लिए एसडीएम स्तर के जोनल मजिस्ट्रेट नामित करने के अलावा परीक्षा केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट भी तैनात किए जाएं।
- पुलिस बल की भी तैनाती हो।
- केंद्र प्रभारी को मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदत्त किए जाएं।
- परीक्षा केंद्र पर प्रशासन का एक अधिकारी तहसीलदार स्तर का नामित किया जाए।
- परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू की जाए।
- कोषागार से गोपनीय सामग्री विभिन्न परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और परीक्षा के उपरांत इन सामग्रियों को पोस्ट आफिस अथवा निर्धारित गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने को सेक्टर मजिस्ट्रेट नामित किए जाएं।
दून विवि की भर्ती परीक्षा में आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस की भूमिका पर उठाए सवाल
वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने दून विवि में सहायक अभियंता व सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा में शामिल रही आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस कंपनी की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त कंपनी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक व नकल मामले की मुख्य आरोपित है। कंपनी के मालिक समेत चार कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं।
शिव प्रसाद सेमवाल ने दौरान आरोप लगाए कि दून विवि की भर्ती परीक्षा में आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस कंपनी की भागीदारी रही है।
इसके अलावा सहायक अभियंता व सहायक लेखाकार के पदों की योग्यता मनमाने ढंग से तय की गई है। प्रश्नपत्र तैयार कराने की प्रक्रिया में भी गोपनीयता भंग हुई है। उन्होंने दावा किया कि उक्त भर्तियों में खुलकर रेवड़ी बांटने का काम हुआ है।
आरोप लगाए कि भर्ती के विज्ञापन जारी करने के बाद विवि की ओर से कुछ तकनीकी पदों की शैक्षिक एवं तकनीकी योग्यता में चुपचाप बदलाव किया गया, जिसके लिए वेबसाइट पर कोई नोटिफिकेशन भी नहीं दिया गया।
सहायक अभियंता के पद के लिए डिप्लोमा के साथ किसी शासकीय उपक्रम में 10 वर्ष का अनुभव या बीटेक की उपाधि, साथ ही शासकीय उपक्रम में तीन वर्ष का कार्यानुभव की योग्यता रखी गई है।
यह योग्यता किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से निर्धारित की गई है। लिखित परीक्षा में कम से कम 70 प्रतिशत संबंधित विषय व शेष 30 प्रतिशत रीजनिंग एवं सामान्य ज्ञान इत्यादि प्रश्न पूछे जाते हैं।
जबकि सहायक अभियंता की परीक्षा में ऐसा नहीं किया गया। इस मौके पर उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री, लोकायुक्त आंदोलन के संयोजक सुमन बडोनी, सुलोचना इष्टवाल, संजय डोभाल, डा.भगवान सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।
विवि पर लगे सभी आरोप निराधार : कुलपति
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने उत्तराखंड क्रांति दल के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा आरोप लगाने वाले लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और विवि को बदनाम करने पर तुले हैं। जिस कंपनी का नाम लिया जा रहा है, उसने एक साल पहले केवल आनलाइन आवेदन प्राप्त करने का काम किया।
लिखित परीक्षा विवि ने कराई। टेंडर प्रक्रिया के बाद कंपनी को सर्वर के माध्यम से केवल आवेदन प्राप्त करने का कार्य दिया गया था।
सहायक अभियंता के एक पद पर 62 अभ्यर्थियों व सहायक लेखाकार के तीन पदों के लिए 364 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। प्रश्नपत्र गोपनीयता के साथ तैयार किया गया। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई है। विवि किसी भी जांच के लिए तैयार है।