एशियाई विकास बैंक ने कहा है कि तमाम चुनोतियों के बावजूद भी भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर है। वहीं चीन इन दिनों कई संकटों से जूझ रहा है। रियल एस्टेट सेक्टर में आई मंदी और कोरोना के कारण चीन की स्थिति पहले ही बदहाल हो चुकी है।
एशियाई विकास बैंक ने उम्मीद से अधिक मुद्रास्फीति और मौद्रिक सख्ती का हवाला देते हुए 2022-23 के लिए भारत के आर्थिक विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। एडीबी ने बुधवार को जारी अपनी प्रमुख एडीओ रिपोर्ट के एनेक्सचर में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 13.5 फीसदी बढ़ी है, जो सेवाओं में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।एडीबी ने कहा है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को एडीओ 2022 के पूर्वानुमान से घटाकर वित्त वर्ष 22 के लिए 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 (मार्च 2024 में समाप्त) के लिए 7.2 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है। एशियाई विकास बैंक ने कहा है कि कीमतों के दबाव से घरेलू खपत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। एडीबी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कमजोर मांग और तेल की ऊंची कीमतों से भारत के शुद्ध निर्यात पर दबाव पड़ने की संभावना है।
क्या है स्थिति
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) को उम्मीद है कि चीनी अर्थव्यवस्था 2022 में पहले के 5 प्रतिशत पूर्वानुमान के बजाय 3.3 प्रतिशत का विस्तार करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीरो कोविड पॉलिसी के चलते लगाए जाने वाला लॉकडाउन, रियल एस्टेट मार्केट में बदहाली और कमजोर बाहरी मांग का चीन की आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ रहा है।