अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के बाद रुपये में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड गिरावठ के बाद अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 81 के पार जाकर खुला।
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में शुक्रवार की बड़ी गिरावट हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया 44 पैसे फिसलकर 81 रुपये के नीचे चला गया। इतिहास में यह पहली बार है, जब डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले इस स्तर पर देखने को मिली है।
यह लगातार दूसरा दिन है, जब डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट हुई है। कल डॉलर के मुकाबले रुपये में 99 पैसे की बड़ी गिरावट हुई है। रुपये में इस गिरावट की वजह जानकर डॉलर इंडेक्स में तेजी में को मान रहे हैं, जो अपने 20 साल के उच्चतम के स्तर 111.39 पर कारोबार कर रहा है।
ब्याज दर बढ़ने के बाद आई गिरावट
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत बड़ी गिरावट अमेरिका के साथ- साथ दुनिया के अन्य बड़े केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के बाद आई है। अमेरिका के केंद्रीय फेडरल रिजर्व ने बुधवार महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर को 0.75 प्रतिशत बढ़ाया था। इसके बाद से रुपये में लगातार बड़ी गिरावट देखी जा रही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, फोरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि रूस और यूक्रेन में युद्ध बढ़ने, महंगाई कम करने के लिए दुनिया के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि जैसे कारणों के चलते डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट बढ़ सकती है।
बड़े केंद्रीय बैंक बढ़ा रहे ब्याज दर
आईएफए ग्लोबल रिसर्च अकादमी कहना है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दर को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत कर दिया है, जो कि ब्याज दरों का 14 सालों का उच्चतम स्तर है। स्विस नेशनल बैंक ने ब्याज दरों में रिकॉर्ड 0.75 प्रतिशत की वृद्धि कर 0.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, डॉलर के मुकाबले येन की गिरती कीमत के चलते पिछले 24 सालों में पहली बार बैंक ऑफ जापान ने फोरेक्स मार्केट में दखल दी है। हालांकि उन्होंने ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखा है।