
नवरात्र पर मां दुर्गा की आराधना उपासना करने के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का भी जाप करना चाहिए। माना जाता है कि इन मंत्रों का जाप करने से दुर्गा मां की असीम कृपा प्राप्त होती है।
नवरात्र के दौरान मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा करने का विशेष महत्व है। नवरात्र के दौरान कलश स्थापना और अखंड ज्योति जलाने के साथ-साथ नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां का आशीर्वाद मिलला है और हर तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। मान्यता है कि शारदीय नवरात्र के दौरान दुर्गा जी के विभिन्न मंत्रों के अलावा दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मंत्र पढ़ने से लाभ
शास्त्रों के अनुसार, नलरात्र के दौरान दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप करने से घर के साथ-साथ मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। शरीर में अलग ही ऊर्जा का प्रवाह होता है। जिसके कारण दिमाग से नकारात्मक विचार बाहर निकल जाता है। इसके साथ ही रोग, दोष और भय से भी छुटकारा मिल जाता है।
दुर्गा सप्तशती के महत्वपूर्ण मंत्र
कल्याणकारी मंत्र
सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।
आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
रक्षा के लिए मंत्र
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
रोग को दूर करने के लिए मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
विपत्ति को दूर करने और शुभता के लिए मंत्र
करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।
शक्ति प्राप्ति मंत्र
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।