लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है। लता दीदी का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था। अपनी गायिकी से लता मंगेशकर ने कई विश्व रिकॉर्ड बनाए। उनकी सुरीली आवाज आज भी लोगों के बीच जिंदा है।
लता मंगेशकर अगर आज जिंदा होतीं तो अपना 94वां जन्मदिन मनाती। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था। इसी साल 6 फरवरी को उनका निधन हुआ था। उनकी सुरीली आवाज आज भी लोगों के बीच जिंदा है। उनके गाए हुए गीतों के सहारे उनके चाहने वाले उन्हें हर पल याद करते हैं। ये सच है कि लता की गायकी को एक चमत्कार की तरह देखा जाता रहा है। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको उनसे जुड़ा एक किस्सा बता रहे हैं जो शायद ही पहले कभी आपने सुना हो।
पिता के आगे गाना गाने से डरती थीं लता मंगेशकर
अपनी गायिकी से लता मंगेशकर ने कई विश्व रिकॉर्ड बनाए लेकिन, उनकी जिंदगी में एक ऐसा शख्स भी था जिनके सामने वह गाने से डरा करती थी। जी हां ये शख्स कोई और नहीं बल्कि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खुद लता जी न इस बात का जिक्र किया था अगर पिताजी जिंदा होते तो शायद वह सिंगर नहीं होती।’ लता जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर को लंबे समय तक मालूम ही नहीं था कि उनकी बेटी गा सकती हैं। पिता को जब बेटी के हुनर का पता चला और जब वह लता जी से गाना गाने को कहते तो वह झिझककर मां के पास रसोई में भाग जाया करतीं थी।
पहला गाना मराठी फिल्म के लिए गायाकुकिंग का भी बेहद शौक रखती थीं लता
लता दीदी गाने के साथ साथ गाना भी बेहद स्वादिष्ट बनाया करती थी। कहते है लता मंगेशकर को मेहमान नवाजी का काफी शौक था। उनके हाथों का बना चिकन जिसने खाया, वह उसे भुला नहीं पाया। चिकन के अलावा वह सूजी का हलवा भी बहुत शानदार बनाया करती थी।कहते हैं लता दीदी ने मात्र 5 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था। उन्होंने गायकी की शुरुआत मराठी फिल्म में गाना गाकर किया था। उनका पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ का ‘नाचू या गड़े’ था। इस गाने को संगीत दिया था सदाशिवराव ने दिया था।