PM Gati Shakti पीएम गति शक्ति योजना के तहत सरकार की कोशिश इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करना है। इसमें सरकार की योजना 16 केंद्रीय मंत्रालयों को एक प्लेटफार्म पर लाना है जो कंपनियों को वन स्टॉप सॉल्यूशन प्रदान करेगा।
केंद्र सरकार बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा कंपनियां भारत में स्थापित हो। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ऐसे प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही, जिससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व बदलाव लाया जा सके।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार 100 लाख करोड़ रुपये के बजट (1.2 ट्रिलियन डॉलर) वाले मेगा प्रोजेक्ट पीएम गति शक्ति पर काम रही है। केंद्र सरकार की योजना 16 केंद्रीय मंत्रालयों को एक ऐसे प्लेटफार्म पर लाना है, जो भारत में निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोजेक्ट, जमीन के लिए आवेदन और कागजी कार्रवाई को पूरा करने का एक वन स्टॉप सॉलूशन प्रदान करेगा।हाल में नई दिल्ली में एक इंटरव्यू में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लोजिस्टिक्स के स्पेशल सेक्रेटरी अमृत लाल मीणा ने कहा था कि इस प्रोजेक्ट का मिशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बिना किसी देरी के समय पर पूरा करना है, जिससे ग्लोबल कंपनियां भारत को अपना मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएं।
चीन प्लस वन पालिसी का मिलेगा फायदा
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने का एक फायदा ग्लोबल कंपनियों की चीन प्लस वन पालिसी में होगा। इससे ग्लोबल कंपनियां तेजी से अपनी प्रोडक्शन यूनिट्स को भारत में स्थापित कर सकती हैं। बता दें, कोरोना के बाद ग्लोबल कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन पर निर्भरता कम करके दूसरे देशों में प्रोडक्शन यूनिट्स स्थापित कर रही हैं, इसे ही चीन प्लस वन पालिसी कहा जाता है।
ऐसे काम करेगा पीएम गति शक्ति मिशन
पीएम गति शक्ति के तहत सरकार की ओर से नए प्रोडक्शन क्लस्टर्स को चिन्हित किया जा रहा है और उन्हें देश के रेलवे नेटवर्क, पोर्ट्स और एयरपोर्ट्स के साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार इसके तहत देश में लॉजिस्टिक के आवागमन को भी तेज करना चाहती है।
टेक्नोलॉजी का होगा उपयोग
पीएम गति शक्ति के तहत सरकार टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इस बात की कोशिश करेगी कि कोई भी प्रोजेक्ट देरी से न पूरा हो। सरकार का कहना है कि ऐसा करने से देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट करने के लिए सरकार कदम है। सरकारी एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, यह इस आधार पर तैयार किया गया है कि यूरोप ने वर्ल्ड वार- II के बाद और चीन ने 1980 से 2010 के बीच कॉम्पिटिटिव इंडेक्स में आगे आने के लिए क्या किया।