राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, वाहन रजिस्ट्रेशन, फिटनेस से जुड़े सभी काम महंगे होने वाले हैं। धामी कैबिनेट ने इन सेवाओं पर लगने वाले यूजर चार्ज को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यूजर चार्ज प्रति ट्रांजक्शन 20 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। इससे मिलने वाला पैसा, कंप्यूटरीकरण, इलेक्ट्रोनिक टोकन मशीनों में सुधार और रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।
उत्तराखंड में परिवहन विभाग की सभी सेवाएं ऑनलाइन हैं। अभी तक नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन, लाइसेंस में नाम, पता या मोबाइल नंबर बदलने, वाहन रजिस्ट्रेशन कराने, फिटनेस की फीस, परमिट फीस जमा करने के लिए बीस रुपये यूजर चार्ज देना पड़ता था। इसे अब सरकार ने बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया है। यह यूजर चार्ज सरकार ने उत्तराखंड सूचना प्रोद्योगिकी(परिवहन विभाग) में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दाखिल, सृजित एवं जारी का यूजर चार्ज नियमावली के तहत बढ़ाया है। इसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ेगा। लोगों को हर ट्रांजेक्शन पर यूजर चार्ज के रूप में तीस रुपये ज्यादा देने होंगे। हालांकि, विभाग की ऑनलाइन सेवाओं में अभी खामियां हैं। ऑनलाइन सर्वर डाउन रहने से लोगों को अक्सर ही परेशानी झेलनी पड़ती है। विभागीय दफ्तरों में लगे कंप्यूटरों की हालत भी ठीक नहीं है।
दुर्घटना में मौत पर अब दो लाख
धामी सरकार ने कॉमर्शियल यात्री वाहन-बस एवं टैक्सी दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को दी जाने वाली आर्थिक मदद भी बढ़ाई है। इसे एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया गया है। उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि नियमावली 2008 के तहत कॉमर्शियल यात्री वाहन के हादसे में मृत्यु और घायल होने पर सरकार की ओर से राहत राशि दी जाती है।
हादसों पर रोक को कोष बढ़ाया
कैबिनेट ने उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा निधि मद का बजट भी बढ़ाया है। अब तक परिवहन विभाग कंपाउंडिंग शुल्क से वसूल होने वाली राशि का 25 फीसदी इस मद में जमा करता था, जिसे बढ़ाकर अब 30 फीसदी कर दिया गया है। यह बजट सड़कों के ब्लैक स्पॉट सुधारीकरण के साथ ही प्रवर्तन कार्यों पर खर्च किया जाए