बाराबंकी में भाई दूज दो दर्दनाक हादसे हुए। पहले हादसे में एक महिला और दूसरे में दो बच्चों की मौत हो गई। जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भाई को टीका लगाकर उसको आशीर्वाद देने की बहन की कामना पूरी न हो सकी। टीका करते समय घर की कच्ची दीवार ढह जाने से बहन की मौत हो गई। चार अन्य लोग घायल हो गए। वहीं, सुबेहा में दीवार गिराने से दो बच्चों की मौत हो गई।
पहला हादसा गुरुवार देर रात धरमपुर मजरे मोहनपुर में हुआ। यहां के निवासी प्रताप बली रावत की पुत्रियां बेहटा चक के बैरागीपुर निवासी 30 वर्षीय साविता पत्नी राम प्रवेश और बख्शी का तालाब निवासी 25 वर्षीय गायत्री पत्नी अर्जुन मायके आई थीं। पिता के घर आने पर सभी बहनें और दामाद प्रसन्न थे। चारों ओर त्योहार की खुशियां बिखरी थीं। रात करीब नौ बजे बहनें अपने भाइयों का टीका करने जा रही थीं कि तभी कच्ची ईंटों से बनी दीवार भरभरा कर ढह गई। सभी लोग उसके नीचे दब गए। क्षण भर में त्योहार की खुशियां चीख पुकार में बदल गईं। ग्रामीणों ने आनन -फानन सबको बाहर निकाला और एम्बुलेंस से अस्पताल ले गए।
गम्भीर रूप से घायल सविता को लखनऊ रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। राम प्रवेश, गायत्री, अर्जुन और एक अन्य घायल का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। सविता की मौत से घर और पास-पड़ोस में मातम पसरा था। एसओ पंकज सिंह ने घटनास्थल का जायजा लिया। लेखपाल धर्मानंद पांडेय ने पीड़ित परिवार को मदद दिलाने की बात कही है।
उधर, सुबेहा थाना क्षेत्र भभूतगढ़ी मजरे मंगौवा में बुधई अपने बच्चों के साथ घर के ऊपर रखे छप्पर के नीचे सो रहे थे। बुधई शुक्रवार सुबह शौच के लिए चले गए। वापस लौटे तो देखा कि दीवार ढह गई है। दीवार के नीचे चार वर्षीय नैना व छह वर्षीय रवि दब गए। ग्रामीणों की मदद से बच्चों को मलबे से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी उनकी मौत हो चुकी थी। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।