रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के प्रभाव से दुनिया का कोई भी देश अछूता नहीं है। भारत पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-जब विश्व के किसी क्षेत्र में अशांति होती है तो असर दुनियाभर में देखने को मिलता है।
रूस और यूक्रेन युद्ध पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। भारत पर भी इस युद्ध का प्रभाव पड़ा है। दिल्ली में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि यूक्रेन और रूस युद्ध दुनिया में ऊर्जा संकट को भी हवा दी। इससे भारत भी प्रभावित हुआ है, क्योंकि युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति में व्यवधान आया है। इसकी वजह से ऊर्जा आयात बहुत अधिक महंगा हो गया है।
PM मोदी की रूस-यूक्रेन को बातचीत से समस्या हल करने की सलाह
यूक्रेन और रूस के बीच पिछले कई महीनों से जंग जारी है। अमेरिका, यूक्रेन का इस युद्ध में खुलकर साथ दे रहा है। रूस पर कई देशों ने अलग-अलग प्रतिबंध लगा दिए हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध पर दुनिया को दो धड़ों में बांटने की कोशिश हो रही है। हालांकि, भारत ने इस युद्ध में भी गुटनिपेक्षता की नीति अपना रखी है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन को सलाह दी है कि वो बातचीत के जरिए समस्या का हल निकालें, क्योंकि युद्ध किसी विवाद को हल करने का विकल्प नहीं है। हाल ही में रूस के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपने रूसी समकक्ष को बातचीत से समस्या हल करने की सलाह दी।
तो पूरी दुनिया होती है प्रभावित
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब किसी भी क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा होता है, तो उससे पूरी दुनिया कई तरह से प्रभावित होती है। यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण विभिन्न अफ्रीकी और एशियाई देशों में खाद्य संकट पैदा हो गया है। हालांकि, भारत एक कृषि प्रधान देश हैं इसलिए खाद्य संकट भारत में नहीं है।गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान अब तक दोनों देशों को जानमाल का भारी नुकसान हो चुका है। अमेरिका के शीर्ष जनरल ने बुधवार को अनुमान लगाया कि युद्ध में रूस की सेना के मारे गए और घायल सैनिकों की संख्या 100,000 से अधिक हो गई है। वहीं, यूक्रेन की सेना को भी ‘शायद’ इतना ही नुकसान झेलना पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान अब तक लगभग 40,000 यूक्रेनी नागरिक भी मारे गए हैं। लाखों यूक्रेनी लोगों ने दूसरे देशों में शरण ली है। यूक्रेन के कई शहर पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। इस युद्ध का अंत कब होगा, ये भी नजर नहीं आ रहा है।