पीएचडी करने वाली लड़कियों-महिलाओं को अब दूसरी जगह जाकर पीएचडी पूरी करने की छूट मिलेगी। उन्हें बार-बार भाग कर अपने शहर पीएचडी पूरी करने के लिए नहीं आना पड़ेगा। उनका पूरा का पूरा काम दूसरी जगह ट्रांसफर हो सकेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीएचडी के नए नियमों में इसे शामिल किया है। इससे पहले 2016 में पीएचडी करने के नए नियम व संशोधन जारी किए गए थे लेकिन अब नई शिक्षा नीति के मुताबिक संशोधन करते हुए यूजीसी ने अधिसूचना जारी कर दी है।
यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक शादी के चलते या अन्य कारणों से महिला शोधार्थी दूसरी जगह जाती है और वहां के किसी संस्थान में पीएचडी जारी रखना चाहती है तो उसे अनुमति दी जाएगी। शोध को दूसरी जगह से करने के लिए सभी नियम व शर्तों का ध्यान रखा जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि शोध मूल संस्थान या पर्यवेक्षक द्वारा किसी वित्त पोषण एजेंसी से प्राप्त न किया गया हो। इस नियम के तहत शोधार्थी का अब तक का किया पूरा काम ट्रांसफर हो जाएगा।
हालांकि शोधार्थी को उसके हिस्से का क्रेडिट अपने मूल संस्थान या सुपरवाइजर को देना पड़ेगा। अभी तक महिला शोधार्थियों को दो वर्ष का अतिरिक्त समय शोध पूरा करने के लिए दिया जाता था। वहीं इस दौरान मातृत्व अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश के रूप में अधिकतम 240 दिनों की छुट्टी की सुविधा भी थी।