कश्मीर के मामले वहां की आतंकी घटनाओं से आज हर कोई वाकिफ है। बड़े पर्दे पर घाटी के अंदरुनी मुद्दों को कई फिल्मों में दिखाया गया है। अब सोनी लिव भी घाटी से जुड़े गंभीर मुद्दे को तनाव के रूप में दर्शकों के लिए लेकर आया है।
कश्मीर के मसलों को कई बार सिनेमा में दिखाया गया है। वहां के हालात, आकंती हमले और लोगों के मन में बसे डर को सिनेमाई जगत में बखूबी दिखाया गया है। अब कश्मीर के उसी अंदरुनी मसले को सोनी लिव के लेटेस्ट प्रेजेंटेशन ‘तनाव’ में दिखाया गया है। यह इजरायली शो फौदा का भारतीय संस्करण है। फौदा में जहां इजरायल और फिलिस्तीन देशों के बीच के मतभेद पर कहानी को गढ़ा गया था, वहीं ‘तनाव’ में कश्मीर के अंदरुनी मुद्दों को बखूबी दिखाया गया है।
इसमें अरबाज खान, मानव विज समेत अन्य एक्टर्स के अभिनय से सजे इस शो में कश्मीर की कथित आजादी की बात करने वाले उग्रवादियों, अलगाववादी नेताओं और सेना के बीच के मतभेद को दिखाया गया है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर के हालात बदल चुके हैं। हालांकि तनाव की कहानी अनुच्छेद 370 हटने से पहले के दौर में सेट की गई है।
क्या है कहानी
कहानी शुरू होती है कश्मीर के एक प्रोफेसर के साथ, जिसे स्पेशल टास्क ग्रुप (एसटीजी) उठाकर ले जाते हैं। एसटीजी के सीनियर मलिक (रजत कपूर) उससे एक ब्लास्ट के बारे में जानकारी चाहता है। प्रोफेसर बताता है कि उग्रवादी पैंथर उर्फ उमर रियाज (सुमित कौल) जिंदा है। कबीर फारुकी (मानव विज) जिसने एक ऑपरेशन के दौरान उमर को मार गिराया था, वह अब एसटीजी से लंबी छुट्टी लेकर सेब का बिजनेस करता है। उसके परिवार में उसकी पत्नी नुसरत फारुकी (सुखमनी सदाना) और दो बच्चे हैं।कबीर का सीनियर विक्रांत राठौर (अरबाज खान) उसे बताता है कि उमर जिंदा है और वह कुछ बड़ा करने वाला है। उसे फिर से एसटीजी ज्वाइन करना चाहिए, क्योंकि उमर के दिमाग को वह बेहतर समझता है। पत्नी के मना करने पर भी कबीर खुद को रोक नहीं पाता है। वह अपनी एसटीजी टीम के पास लौट जाता है। उमर अपने भाई के शादी में आने वाला है। कबीर अपनी टीम के साथ वहां घुसने की योजना बनाता है। वह शादी में घुस भी जाता है, लेकिन उसके आक्रामक बर्ताव की वजह से मिशन फेल हो जाता है और गलती से उमर का छोटा भाई मारा जाता है। इस गोलीबारी में उमर भी घायल होता है। अब उमर के लिए यह दुश्मनी निजी हो गई है। वहीं कबीर किसी भी हाल में उमर को पकड़ना चाहता है।
उग्रवादियों के पारिवारिक रिश्तों को भी दिखाती है कहानी
सिर्फ कश्मीर के अंदरुनी मामलों पर ही नहीं, बल्कि आर्मी और उग्रवादियों के पारिवारिक रिश्तों का ताना-बाना भी कहानी में बुना गया है, जो इसे दूसरी कश्मीर के मुद्दों पर बनने वाली कहानियों से अलग बनाता है। फौदा की कहानी का अडाप्टेशन और स्क्रीनप्ले करने वाले ईशान त्रिवेदी और सुधीर मिश्रा ने चतुराई दिखाते हुए देश में किसी और तनाव को छुए बिना कश्मीर के बैकड्रॉप पर तनाव की कहानी को लिखा है। यही एक वजह है कि यह फौदा सीरीज के काफी करीब लगती है। उमर से बेहद करीब आकर भी कबीर उसे पकड़ने में कई बार नाकामयाब होता रहता है, यह रोमांच कहानी के हर एपिसोड के साथ बढ़ता है। मुद्दे की गंभीरता के साथ सुधीर मिश्रा अपने निर्देशन में गढ़े हर एक फ्रेम में संवेदनशील दिखाते हैं।
सिनेमैटोग्राफर सचिन कृष्ण की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने कश्मीर के फसाद के बीच कश्मीर की खूबसूरती और वहां की संस्कृति को कैमरे में समेटा है। कॉस्ट्यूम डिजाइनर टीम का जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है, जिन्होंने सभी चरित्रों को कश्मीरी परिवेश में ढालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कहानी शुरू ही उसी संवाद के साथ होती है, जब दो युवाओं से प्रोफेसर पूछता है कि एक हफ्ते से कॉलेज क्यों नहीं आए और इस पर वह कहते हैं कि क्या कहें प्रोफेसर साहब जबां रुकती नहीं है और गवर्नमेंट बार-बार अंदर बुला लेती है। यहां से कश्मीर के उस दौर की हल्की सी झलक मिलती है। कश्मीरी प्रोफेसर की पत्नी का कहना, ‘सब बातें कर रहे हैं कि आप लोग हिंदुस्तानी के साथ मिले हैं…हिंदुस्तानियों से मिलकर साजिश की है।’…यह लाइनें उस सोच पर वार करती हैं, जब कश्मीरी खुद को हिंदुस्तान से अलग समझते थे।
शो में है स्थानीयता का भी जुड़ाव
स्थानीयता से जुड़ाव को लेकर कलाकारों ने शो में बीच-बीच में कश्मीरी भी बोली है, जो उन्हें और विश्वसनीय बनाती है। अभिनय की बात करें, तो मानव विज के लिए यह पहला मौका था जब उन्हें मुख्य किरदार में आने का मौका मिला है। मानव ने इस मौके को बिल्कुल नहीं गंवाया है। वह एक एक बेचैन, आक्रामक और फोकस्ड स्पेशल टास्क ग्रुप अधिकारी की भूमिका को निभाने में सफल रहे। सुमित कौल उमर की भूमिका में नफरत के साथ कई बार भावनात्मक तौर पर भी जोड़ते हैं। अरबाज खान सख्त सीनियर की भूमिका में जंचे हैं, हालांकि उन्हें और स्क्रीनस्पेस दिए जाने की जरुरत थी। रजत कपूर स्पेशल टास्क ग्रुप के संयम, लेकिन चालाक सीनियर के तौर पर विश्वसनीय लगते हैं। उमर के भरोसेमंद आदमी जुनैद की भूमिका में शंशाक अरोड़ा अपनी छाप छोड़ते हैं।
वेब सीरीज – तनाव
मुख्य कलाकार – मानव विज, अरबाज खान, एकता कौल, सुमित कौल, रजत कपूर, सत्यदीप मिश्रा, वलुचा डीसूजा, जरीना वहाब
निर्देशक- सुधीर मिश्रा
सह निर्देशक – सचिन ममता कृष्ण
कुल एपिसोड – 12
प्रसारण प्लेटफॉर्म – सोनी लिव
रेटिंग – साढ़े तीन