मलेशिया के आम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया है। ऐसे में मलेशिया अपने इतिहास में पहली बार एक त्रिशंकु संसद का सामना कर रहा है। बता दें कि अनवर इब्राहिम की अगुआई वाले गठबंधन को मामूली बढ़त मिली है।
मलेशिया के आम चुनाव में किसी भी गठबंधन को बहुमत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मुहयिद्दीन यासिन की अगुआई वाले गठबंधन और विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम की अगुआई वाले गठबंधन में कांटें की टक्कर है। हालांकि अनवर इब्राहिम के गठबंधन को संसद में यासिन के गठबंधन से एक सीट अधिक मिली है।
मलेशिया में किसी गठबंधन को बहुमत नहीं
ओपिनियन पोल में भी अनवर इब्राहिम के गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था। प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी याकूब का बारिसान गठबंधन भी चुनाव में भाग्य आजमा रहा है। याकूब का गठबंधन अपने पारंपरिक गढ़ में भी मुहयिद्दीन यासिन से पिछड़ गया है। अंतिम समाचार मिलने तक 222 संसदीय सीटों में से मुहयिद्दीन की अगुआई वाले गठबंधन ने 60 सीटें जीती हैं, जबकि अनवर के गठबंधन को 61 सीटें मिली हैं।
पिछले कई वर्षों में तीन प्रधानमंत्री कर चुके हैं शासन
बारिसान गठबंधन ने केवल 24 सीटें जीती हैं। अन्य सीटों पर अभी मतगणना चल रही है। पिछले कई वर्षों में मलेशिया में तीन प्रधानमंत्री शासन कर चुके हैं। इन प्रधानमंत्रियों में 97 वर्षीय महातिर मोहम्मद भी शामिल हैं। लंबे समय तक मलेशिया पर शासन कर चुके महातिर भी इस लड़ाई में शामिल हैं, लेकिन उन्हें प्रबल दावेदार नहीं माना जा रहा है।
त्रिशंकु संसद का सामना कर रहा मलेशिया
बता दें कि मलेशिया अपने इतिहास में पहली बार एक त्रिशंकु संसद का सामना कर रहा है, क्योंकि एक रूढ़िवादी इस्लामिक गठबंधन के समर्थन ने प्रमुख गठबंधनों को आम चुनाव में बड़ा नुकसान पहुंचाया है। मलेशिया में 222 संसदीय सीटें हैं, लेकिन शनिवार को केवल 220 के लिए मतदान हुआ था।