जाने मोक्षदा एकादशी के महत्वपूर्ण नियम, व्रत और महत्व.. 

 आज यानि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की उपासना विशेष रूप से की जाएगी। मान्यता है कि आज अर्थात मोक्षदा एकादशी के दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में उन्हें सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में 24 एकादशी व्रतों के विषय में विस्तार से बताया गया है, साथ ही इन सभी व्रतों का अपना-अपना महत्व है। लेकिन एकादशी व्रत के दिन भक्तों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। जिनसे वह भगवान विष्णु के क्रोध से बच सकते हैं। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के कुछ महत्वपूर्ण नियम।

मोक्षदा एकादशी व्रत नियम

  • शास्त्रों में बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी के व्यक्ति को चावल, लहसुन, प्याज, मांस या अन्य तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। आज के दिन ऐसा करना पाप की श्रेणी में गिना जाता है।
  • इसके साथ जो लोग व्रत रख रहे हैं और भगवान विष्णु को समर्पित अनुष्ठान में भाग में लेंगे, उन्हें आज के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही उन्हें अपना व्यवहार और आचरण दूसरों के प्रति कोमल और दयालु रखना चाहिए।
  • व्रत के दौरान महिला एवं पुरुषों को कम बात करना चाहिए। साथ ही उन्हें आज किसी की बुराई या चुगली करने से बचना चाहिए।
  • इन सभी के साथ आज भक्तों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनके द्वारा भूल से जीव हत्या ना हो। चाहे वह छोटी चींटी ही क्यों न हो। इसलिए आज के दिन घर झाड़ू का प्रयोग ना करें।
  • एकादशी व्रत के दिन बाल, नाखून काटना वर्जित है। भूलवश ऐसा हो भी जाता है तो सूर्य देव से क्षमा मांग लें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • एकादशी के दिन दान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि आज के दिन सामर्थ्य अनुसार दान-धर्म करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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