पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा चैटजीपीटी, जाने कैसे करता है काम..

 गूगल पर जब हम कुछ सर्च करते हैं, तो वह असंख्य वेब पेजों में से प्रासंगिक और उपयुक्त सामग्री को सूचीबद्ध करता है। इसके बाद सुझाये गए लिंक्स के आधार पर हम जानकारी प्राप्त करते हैं। लेकिन, चैटजीपीटी इस अनुभव को पूरी तरह से बदलने जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च फर्म ओपेनएआइ द्वारा विकसित यह चैटबाट एआइ का प्रयोग कर न केवल यूजर्स के तमाम प्रश्नों का जवाब देता है, बल्कि मानव की तरह संवाद भी करता है। यहां तक कि यह सवालों की वैधता और प्रासंगिकता को भी जांचता है। यह एक ऐसा पर्सनल ट्यूटर है, जिसे सभी विषयों का ज्ञाता माना जा सकता है।

क्रांतिकारी बदलाव है चैटजीपीटी

यह डायलाग बेस्ड एआइ चैटबोट है, जो सामान्य मानवीय भाषा को समझता है और मानव की तरह विस्तृत लेखन जैसे कार्य भी कर सकता है। ओपेनएआइ के मुताबिक, चैटजीपीटी माडल को मशीन लर्निंग टेक्नीक रिइनफोर्समेंट लर्निंग फ्राम ह्यूमन फीडबैक (आरएलएचएफ) के आधार पर विकसित किया गया है। संवाद का अनुकरण करने के साथ-साथ यह प्रश्नों-प्रतिप्रश्नों का भी जवाब देता है। साथ ही, अनैतिक व अवैधानिक प्रश्नों का जबाव देने से इन्कार कर सकता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अनूठा प्रयोग

एआइ और मशीन लर्निंग तकनीक आधारित यह सिस्टम बातचीत के माध्यम से सूचनाओं और सवालों का जवाब देता है। इस एआइ को इंटरनेट से बड़े पैमाने पर ली गई सामग्री से प्रशिक्षित किया गया है। खास बात है कि सार्वजनिक प्रयोग के लिए शुरू होने के बाद मात्र पांच दिनों के भीतर ही 10 लाख से अधिक यूजर्स ने इस पर साइन-अप कर दिया, जो कि किसी भी इंटरनेट प्लेटफार्म पर यूजर्स के पहुंचने की सबसे तीव्र गति है।

विविध क्षेत्रों में उपयोगिता

चैटजीपीटी जैसे टूल का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है, खासकर डिजिटल मार्केटिंग, आनलाइन कंटेंट क्रिएशन, ग्राहक सेवा आदि में यह उपयोगी हो सकता है। इसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए लगातार शोध और विकास जारी है।

इन कार्यों में होगा विशेष उपयोगी

  • पर्सनल असिस्टेंट के तौर पर शिड्यूलिंग, रिमाइंडर जैसे कार्य में।
  • कठिन अकादमिक प्रश्नों को हल करने के लिए छात्रों की मदद में।
  • कंपनियों के लिए ग्राहक सेवा में, विशेष कर संवाद और रिपोर्ट प्रस्तुत करने में।
  • इससे तथ्यात्मक, दार्शनिक, भावनात्मक और गणितीय प्रश्नों के भी जवाब प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • यह जटिल विषयों की आसान शब्दों में व्याख्या कर सकता है।
  • यह भाषाओं का अनुवाद करने साथ-साथ रिपोर्ट तैयार कर सकता है।

हैं कुछ सीमाएं भी

कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लेकर कई तरह के प्रश्न अभी अनुत्तरित हैं। चैटजीपीटी के मामले में भी संभव है कि कुछ सवालों के इसके जवाब त्रुटिपूर्ण हों। किसी विशेष मामले में मांगा गया सुझाव नुकसानदायक भी हो सकता है। किसी विषय पर यह हानिकारक कंटेंट भी जनरेट कर सकता है।

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चैटजीपीटी के इस्तेमाल का तरीका

इसे ओपेनएआइ की वेबसाइट से एक्सेस किया जा सकता है। अभी इसका कोई एप्लीकेशन नहीं है। हालांकि, यूजर्स के अनुभव को परखने के लिए चैटबोट का लिंक ओपेनएआइ के वेब पोर्टल पर उपलब्ध है। इसके लिए एंड्रायड स्मार्टफोन के वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल, एंड्रायड और आइफोन के लिए यह स्टैंडअलोन एप के रूप में उपलब्ध नहीं है।

आप भी कर सकते हैं लाग-इन

  • सबसे पहले ओपेनएआइ की वेबसाइट पर जाकर अकाउंट बनाएं
  • वेबसाइट के बैनर पर चैटजीपीटी के एक्सेस लिंक पर क्लिक करें।
  • इसके बाद ई-मेल आइडी और फोन नंबर से अपने अकाउंट को वेरिफाइ करें।
  • सेटअप पूरा करने के बाद ‘प्लेग्राउंड’ आप्शन पर क्लिक करें।
  • इस पर क्लिक करके आप अपने प्रश्नों को टाइप कर वार्तालाप शुरू कर सकते हैं।
  • चूंकि यह रियल टाइम डेटा को अभी एक्सेस नहीं करता है, ऐसे में इससे अभी रियल टाइम में हो रही घटनाओं के बारे सहायता नहीं प्राप्त की जा सकती है।

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