चीन में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं वहीं भारत उसके मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में दिख रहा है। आइए जानें आखिर भारत ने ऐसा क्या किया जिससे हालात अब तक काबू में हैं।
कोरोनावायरस की मार झेल रहे चीन के हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। पड़ोसी मुल्क में हर रोज कोरोना के केस से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। चीन के साथ-साथ जापान, अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना के मामलों में रिकार्ड इजाफा देखना को मिल रहा है। इस बीच तेजी से फैलते कोरोना के चलते अब भारत में भी सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीन में कोरोना के मामले बढ़ने से वहां एक बार फिर खतरे की घंटी बजती दिख रही है, वहीं भारत उसके मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में दिख रहा है। भारत हर स्थिति से निपटने के लिए कई कदम भी उठा रहा है। हालांकि भारत ने पहले भी कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिसका असर अब तक देखने को मिल रहा है।
समय पर लॉकडाउन और उसकी निगरानी
भारत में जिस समय कोरोना अपने उच्च स्तर पर था और कहर भरपा रहा था तब केंद्र की मोदी सरकार ने देशहित में बड़ा फैसला लेते हुए लॉकडाउन लगाने का फैसला किया। हालांकि इस फैसले का विरोध भी हुआ लेकिन इसके दूरगामी परिणाम भी दिखे। भारत में कोरोना उस तरह नहीं फैल पाया जैसा चीन में हाल रहा। देश में पूर्ण लॉकडाउन दो बार लगाया गया था जिसका लोगों ने पालन भी किया, हालांकि इसके बाद भी राज्य सरकारों ने प्रतिबंध लगाए जो वायरस के फैलने को रोक सका।
टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट पॉलिसी
केंद्र सरकार द्वारा खुद अपनाए गई और राज्यों को निर्देशित टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट पॉलिसी भी देश में कोरोना को हराने में काफी कारगर साबित हुई। कोरोना को काबू में रखने के लिए सरकारों द्वारा कोरोना के बड़े स्तर पर टेस्ट किए गए। यहां तक की कई जगह कंटोनमेंट जोन बनाकर इसे काबू में पाया गया।
कोरोना वैक्सीन बनाने में कामयाबी
भारत में पिछले साल 2021 में बड़े स्तर पर फैले कोरोना पर काबू पाने में सबसे बड़ा रोल कोरोना वैक्सीन का रहा। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को ठीक करने और उनसे कोरोना को फैलने को रोकने के लिए वैक्सीन का निर्माण भारत होना ही बड़ी कामयाबी थी। भारत में अप्रैल 2020 में इस महामारी की शुरुआत से ही वैक्सीन को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। वैज्ञानिकों के साथ सरकार द्वारा दिया गया बढ़ावा और निजी क्षेत्र के प्रयासों के चलते भारत में कोरोना रोधी टीका महामारी के आने के एक साल के भीतर ही तैयार कर लिया गया।
बढ़े स्तर पर किया गया टीकाकरण अभियान
130 करोड़ की आबादी वाले देश में सबका कोरोना वैक्सीनेशन होना एक ख्वाब जैसा ही लगता था। लेकिन केंद्र सरकार के बेहतर प्रयास के कारण 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान ने तेज रफ्तार पकड़ी और आज 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज देश के लोगों को लग चुकी है। यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने शीर्ष डाक्टरों की सलाह के बाद शुरुआत में एक व्यक्ति को दो वैक्सीन डोज देने का काम किया। जिसके बाद लोगों को प्रिकॉशन डोज भी दी गई। अब तक पहली डोज 100 करोड़ लोगों, दूसरी डोज 95 करोड़ लोगों और 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रिकॉशन डोज दी गई है।
CoWIN ऐप से सुलभ टीकाकरण व्यवस्था
शुरुआत में कोरोना टीकाकरण अभियान एक बहुत ही मुश्किल काम माना जा रहा था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लांच किए गए कोविन ऐप ने इसे लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने में काफी मदद की। कोविन की साइट पर भी जाकर लोगों ने अपनी कोरोना वैक्सीन बुक करवाने में आसानी पाई। इसके जरिए लोग कहीं से भी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन बुक करा सकते थे।